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FII के पास भारतीय शेयर बाजार की 20% हिस्सेदारी, अभी दिख सकती है और बिकवाली: रामदेव अग्रवाल

अनुभवी मार्केट एक्सपर्ट रामदेव अग्रवाल (Raamdeo Agrawal) का मानना है कि अगर मौजूदा आर्थिक स्थिति में बदलाव नहीं आता है तो FII आगे भी इसी तरह भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकालना जारी रखेंगे

अपडेटेड Jun 09, 2022 पर 8:42 PM
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रामदेव अग्रवाल, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के को-फाउंडर

विदेशी निवेशक (FII) पिछले कुछ महीनों से भारतीय शेयर बाजार से लगातार पैसा निकाल रहे हैं। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के को-फाउंडर रामदेव अग्रवाल (Raamdeo Agrawal) का मानना है कि अगर मौजूदा आर्थिक स्थिति आगे भी बनी रहती है, तो इस बात की काफी संभावना है कि FII आगे भी इसी तरह बिकवाली करना जारी रखेंगे।

हमारे सहयोगी चैनल CNBC-TV18 को दिए एक इंटरव्यू में अग्रवाल ने कहा, "मैं FII की बिक्री की भारी मात्रा से हैरान हूं। उनके पास बाजार का लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा है, ऐसे में अभी बिकवाली की और गुंजाइश बनी हुई है। अगर कोई बदलाव नहीं आता है तो FII के पैसा निकालने की मौजूदा गति आगे भी जारी रह सकती है।"

अनुभवी मार्केट एक्सपर्ट का मानना है कि विदेशी निवेशक भारतीय शेयरों को इसलिए बेच रहे हैं क्योंकि दूसरे समकक्ष उभरते देशों में अधिक प्रीमियम मिल रहा है और क्योंकि उनके बाकी पोर्टफोलियो खराब प्रदर्शन कर रहे हैं। अग्रवाल का मानना है कि अगर भारतीय बाजार आने वाले समय में अन्य उभरते बाजारों से बेहतर प्रदर्शन करना शुरू करते हैं तो इससे विदेशी निवेशकों की धारणा बदल सकती है।


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बता दें कि विदेशी निवेशकों से लगातार पिछले 8 महीनों से भारतीय बाजार से शुद्ध बिकवाली की है। इस दौरान उन्होंने करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की है। अग्रवाल ने कहा, "जब तक मौजूदा स्थिति में कोई बदलाव नहीं होता, तब तक मेरे हिसाब से बाजार तनाव में बना रहेगा। मैं मैं क्या खरीदूं और किस कीमत पर खरीदूं, इसे लेकर मैं बाजार में काफी सतर्क रहूंगा।"

इसके साथ ही अग्रवाल ने संकेत दिया कि अगर बाजार वाजिब कीमत पर "अच्छी कंपनियों" को खरीदने का अवसर देता है तो वह बेहिचक होकर खरीदारी करेंगे। हालांकि, उन्होंने साथ ही यह भी बताया कि अधिकतर "अच्छी कंपनियां" अभी भी महंगी हैं।

अग्रवाल ने कहा कि एनालिस्ट्स कंपनियों को आकर्षक दिखाने के लिए 2024 और 2025 की कमाई के अनुमानों का सहारा ले रहे हैं, जबकि हकीकत में वह अगली तिमाही के आकड़े के बारे में ही निश्चित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कंपनियों का विश्लेषण करते समय 12 महीने की उनकी पिछली कमाई को देखना बेहतर रहेगा।

अग्रवाल ने कहा कि मौजूदा स्थित में बैंक, आईटी और मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के बेहतर प्रदर्शन की संभावना है। अग्रवाल ने कहा, "भारत में रेवेन्यू के ग्रोथ के लिए कोई समस्या नहीं होगी। यहां इकलौत मुद्दा यह है कि किन कंपनियों के पास कमाई बढ़ाने के लिए कीमतों को तय करने की शक्ति है।"

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