FIIs Returned in March: विदेशी निवेशकों की वापसी? सितंबर के बाद पहली बार बिकवाली से अधिक खरीदारी

FIIs Returned in March: पिछले साल सितंबर 2024 के बाद विदेशी निवेशकों ने धड़ाधड़ बिकवाली शुरू की। लगातार पांच महीनों में 3,23,765.23 करोड़ रुपये की नेट बिकवाली करने के बाद इस महीने की शुरुआत भी उन्होंने बिकवाली से शुरू की थी। आधा से अधिक मार्च बीतने के बाद आखिरकार 27 मार्च को मार्च में वे नेट बायर्स बने। जानिए उनकी वापसी क्यों हो रही है और क्या अब मार्केट में तेजी आने वाली है?

अपडेटेड Mar 28, 2025 पर 12:13 PM
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FIIs Returned in March: विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की लंबे समय बाद घरेलू मार्केट में वापसी दिख रही है। लगातार पांच महीने की नेट निकासी के बाद अब जाकर मार्च महीने में उन्होंने बिकवाली से अधिक खरीदारी की है।

FIIs Returned in March: विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की लंबे समय बाद घरेलू मार्केट में वापसी दिख रही है। लगातार पांच महीने की नेट निकासी के बाद अब जाकर मार्च महीने में उन्होंने बिकवाली से अधिक खरीदारी की है। अगले महीने केंद्रीय बैंक आरबीआई रेपो रेट में कटौती कर सकता है, इस उम्मीद ने मार्केट में चाबी भर दी है। इसके अलावा इस साल 2025 के लिए अमेरिकी फेड के रुझान ने भी पॉजिटिव माहौल बनाया। इन वजहों से विदेशी निवेशकों ने इस महीने धड़ाधड़ खरीदारी की। इस महीने सिर्फ आज का ही एक कारोबारी दिन बचा है और अगर आज भी वे निकासी से अधिक खरीदारी करते हैं तो लगातार पांच महीनों में 3,23,765.23 करोड़ रुपये की नेट बिकवाली करने के बाद वे इस महीने नेट खरीदार बनेंगे।

26 मार्च तक नेट सेलर्स थे FIIs

इस महीने की शुरुआत भी विदेशी निवेशकों ने बिकवाली से शुरू की थी। आधा मार्च बीतने के बाद 18 मार्च को उन्होंने बिकवाली से अधिक खरीदारी की लेकिन अगले ही दिन यानी 19 मार्च को फिर वे नेट सेलर्स बन गए। हालांकि फिर उनका मूड बदला और 20 मार्च से खरीद ही रहे हैं और आखिरकार 27 मार्च को मार्च में वे नेट बायर्स बने। ठीक एक दिन पहले 26 मार्च को बिकवाली और खरीदारी के बीच 67 करोड़ रुपये का ही फर्क था। 27 मार्च के कारोबार के बाद अब एफआईआई की इस महीने नेट खरीदारी 6,367.00 करोड़ रुपये है। उन्होंने 27 मार्च को 11,111.25 करोड़ रुपये की नेट खरीदारी की थी।


इस कारण विदेशी निवेशक कर रहे वापसी

आरबीआई और अमेरिकी फेड ने इस साल दो बार ब्याज दरों में कटौती का संकेत दिया है। इसके अलावा लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए आरबीआई की पहल और मार्केट में जोरदार गिरावट के बाद आकर्षक वैल्यूएशन के साथ-साथ भारतीय मार्केट की तुलना में अमेरिकी और चाइनीज मार्केट के कमजोर प्रदर्शन ने मिलकर वैश्विक निवेशकों के लिए भारतीय स्टॉक्स काफी आकर्षक बना दिया है। मेहता इक्विटीज के वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) प्रशांत तापसे का कहना है कि पिछले कुछ महीने से मार्केट में बिकवाली की आंधी में स्टॉक्स की वैल्यू आकर्षक हो गई है तो एफआईआई एक बार फिर भारतीय मार्केट में एंट्री कर रहे हैं। प्रशांत के मुताबिक एफआईआई का मानना ​​​​है कि घरेलू स्तर पर खपत में अच्छी ग्रोथ के साथ भारत वैश्विक जोखिम को बहुत अच्छे से मैनेज कर सकता है। इसके अलावा आरबीआई भी जरूरी लिक्विडिटी देनेॉ और ब्याज दरों को कम करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।

तो अभी पैसे लगाएं या नहीं?

विदेशी निवेशकों की वापसी दिख रही है लेकिन क्या मार्केट में अभी पैसे लगाने चाहिए या नहीं, इसे लेकर स्वतंत्र एनालिस्ट दीपक जासानी का कहना है कि मार्केट में शॉर्ट टर्म में तेज उछाल दिख सकती है। इसकी वजह ये है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जो रेसिप्रोकल यानी जैसे को तैसा टैरिफ लगा रहे हैं, उस पर 2 अप्रैल के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। हालांकि उन्होंने सतर्क भी किया है कि यह तेजी लंबे समय तक कायम रहने वाली नहीं है।

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