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FPI 3 महीने बाद फिर से बायर, अप्रैल में शेयरों में लगाए ₹4223 करोड़; किन वजहों से बदला सेंटिमेंट

2025 में अब तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की सेलिंग घटकर 1.12 लाख करोड़ रुपये रह गई है। FPI ने अप्रैल महीने में डेट या बॉन्ड से जनरल लिमिट के तहत 13,314 करोड़ रुपये और वॉलंटरी रिटेंशन रूट से 5,649 करोड़ रुपये निकाले हैं

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड May 04, 2025 पर 12:24 PM
FPI 3 महीने बाद फिर से बायर, अप्रैल में शेयरों में लगाए ₹4223 करोड़; किन वजहों से बदला सेंटिमेंट
इससे पहले मार्च में FPI ने शेयरों से 3,973 करोड़ रुपये निकाले थे।

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने अप्रैल में भारतीय शेयर बाजारों में 4,223 करोड़ रुपये डाले हैं। अनुकूल ग्लोबल फैक्टर्स और मजबूत डॉमेस्टिक फंडामेंटल्स के बीच FPI 3 माह बाद पहली बार नेट बायर बने हैं। इससे पहले मार्च में FPI ने शेयरों से 3,973 करोड़ रुपये निकाले थे। फरवरी में उन्होंने 34,574 करोड़ रुपये के और जनवरी में 78,027 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे।

न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, जियोजीत इनेस्टमेंट्स के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वी के विजयकुमार का कहना है कि आगे चलकर FPI फ्लो स्थिर रह सकता है। बीते वित्त वर्ष में कंपनियों की आय में 5 प्रतिशत की मामूली वृद्धि FPI के निवेश में बाधा है।

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने पूरे अप्रैल माह में शेयरों में 4,223 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है। इस तरह 2025 में अब तक FPI की सेलिंग घटकर 1.12 लाख करोड़ रुपये रह गई है।

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