विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने दिसंबर माह के पहले छह कारोबारी सत्रों में भारतीय इक्विटी बाजारों में 26,505 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इसे तीन राज्यों में भाजपा की चुनावी जीत और मजबूत आर्थिक आंकड़ों का असर माना जा रहा है। इसके पहले नवंबर में FPI (Foreign Portfolio Investors) ने 9,000 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि FPI ने अक्टूबर में 24,548 करोड़ रुपये और सितंबर में 14,767 करोड़ रुपये भारतीय शेयर बाजारों से निकाले थे। हालांकि FPI ने मार्च से अगस्त 2023 तक लगातार भारतीय इक्विटी में खरीदारी की थी और इन छह महीनों में 1.74 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया था।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि विभिन्न फैक्टर्स के चलते भारतीय बाजारों के लिए क्रिएट हुए पॉजिटिव सेंटिमेंट की वजह से FPI का निवेश आगे जारी रह सकता है। इन फैक्टर्स में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में बीजेपी की जीत के बाद राजनीतिक स्थिरता रहने के संकेत, भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूत वृद्धि की रफ्तार, मुद्रास्फीति में गिरावट, अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में लगातार कमी और ब्रेंट क्रूड की कीमतों में नरमी शामिल हैं।
किस सेक्टर में लगा रहे पैसे
आंकड़ों के मुताबिक, FPI ने दिसंबर महीने में 8 तारीख तक भारतीय इक्विटी में 26,505 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है। सेक्टर्स की बात करें तो FPI, दिग्गज बैंकों को लेकर फिर से खरीदार बन गए हैं। इसके अलावा आईटी, टेलिकॉम, वाहन और कैपिटल गुड्स सेगमेंट की बड़ी कंपनियों के शेयरों में भी वे खरीदारी कर रहे हैं।
डेट मार्केट में कितना निवेश
बॉन्ड/डेट मार्केट के मामले में दिसंबर में अब तक FPI ने 5,506 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इसके पहले नवंबर में उन्होंने बॉन्ड मार्केट में 14,860 करोड़ रुपये लगाए थे, जो 6 साल का उच्चतम स्तर है। वहीं अक्टूबर में 6,381 करोड़ रुपये का निवेश आया था। विदेशी निवेशकों ने इस साल अब तक इक्विटी बाजारों में 1.31 लाख करोड़ रुपये और डेट मार्केट में 55,867 करोड़ रुपये का निवेश किया है।