GAIL Share Price: महारत्न कंपनी गेल के शेयरों में आज बिकवाली का भारी दबाव दिखा। इसकी वजह ये है कि गुरुवार की देर शाम पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस रेगुलेटरी बोर्ड (PNGRB) ने ट्रांसमिशन टैरिफ रिविजन ऑर्डर जारी कर दिए और इसमें टैरिफ को उम्मीद से कम बढ़ाया गया है। लंबे से इस रिविजन का इंतजार हो रहा था और जब यह आया भी तो कम बढ़ोती पर इसके शेयर धड़ाम हो गए और 6% से अधिक नीचे आ गए। फिलहाल बीएसई पर यह 5.50% की गिरावट के साथ ₹173.70 पर है। हालांकि इंट्रा-डे में यह 6.53% टूटकर ₹171.80 तक आ गया था। पिछले साल 6 दिसंबर 2024 को यह एक साल के हाई ₹213.30 पर था जिससे तीन ही महीने में यह 29.40% टूटकर 4 मार्च 2025 को एक साल के निचले स्तर ₹150.60 पर आ गया था।
अब कितना है टैरिफ और क्या थी मार्केट की उम्मीद?
रिवाइज्ड टैरिफ के मुताबिक नए ट्रांसमिशन टैरिफ को अब प्रति MMBtu (मिलियन मीट्रिक ब्रिटिश थर्मल यूनिट) ₹65.7 कर दिया है जोकि पहले ₹58.6 था। इस टैरिफ में 12% की बढ़ोतरी की गई है। वहीं कंपनी की मांग थी कि इसे बढ़ाकर प्रति MMBtu ₹78 किया जाए यानी कि 33% की बढ़ोतरी की मांग के मुकाबले 12% की बढ़ोतरी हुई है। वहीं ब्रोकरेज फर्म आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का भी अनुमान था कि टैरिफ में 20% की बढ़ोतरी होगी। सीएनबीसी-टीवी18 से बातचीत में गेल के मैनेजमेंट ने कहा कि टैरिफ में बढ़ोतरी से इस साल कंपनी का ट्रांसमिशन ईबीआईटीडीए ₹1200 बढ़ेगा और अगले साल करीब ₹1350 करोड़ जुड़ेगा।
GAIL के शेयरों पर क्या रुझान है ब्रोकरेज फर्मों का?
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का कहना है कि इस बार के टैरिफ रिविजन में एक्चुअल और फ्यूचर कैपेक्स और ऑपेक्स (ऑपरेटिंग एक्सपेंडिचर) पर विचार नहीं किया गया। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि रेगुलेटर ग्राहकों पर एक ही बार में पूरा असर नहीं डालना चाहती है। बता दें कि रिवीजन ऑर्डर में कहा गया है कि अगली बार टैरिफ में बदलाव के समय वास्तविक और आने वाले समय के कैपेक्स और ऑपरेटिंग एक्सपेंडिचर, ट्रांसमिशन लॉस, वर्किंग डेज, रेवेन्यू शेयर एडजस्टमेंट्स जैसे कई बदलावों पर विचार किया जाएगा जोकि वित्त वर्ष 2028 में होगा और 1 अप्रैल 2028 से प्रभावी होगा। ब्रोकरेज फर्म आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने ₹215 के टारगेट प्राइस पर इसकी खरीदारी की रेटिंग को बरकरार रखा है।
एक और ब्रोकरेज फर्म यूबीएस का कहना है कि टैरिफ हाइक ने निराश किया है और वास्तव में जो टैरिफ हाइक है यानी कि रियलाइज्ड टैरिफ और भी कम हो सकता है। यूबीएस का कहना है कि 12% टैरिफ हाइक का मतलब रियलाइज्ड टैरिफ में भी इतनी ही बढ़ोतरी नहीं है। हालांकि यूबीएस का कहना है कि अगर वित्त वर्ष 2028 तक के लिए स्थगित किए गए सारे पैरामीटर्स पर इसी बार विचार किया गया होता तो ग्राहकों पर भारी वित्तीय दबाव पड़ता। यूबीएस ने ₹215 के टारगेट प्राइस पर इसे खरीदारी की रेटिंग दी है।
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