Gensol Engineering ने बुधवार को एक स्टेटमेंट जारी करके इस बात की पुष्टि की कि कंपनी और उसके प्रमोटर के खिलाफ सेबी (SEBI) का अंतरिम आदेश आया है। कंपनी ने माना कि उनके खिलाफ एक्शन लिया गया है। लेकिन, साथ ही यह भी कहा कि वह सभी स्टेकहोल्डर्स के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
इससे पहले दिन में Moneycontrol ने रिपोर्ट दी थी कि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और सोलर प्रोजेक्ट्स बिजनेस से जुड़ी कंपनी Gensol के प्रमोटर्स के खिलाफ जांच और आगे बढ़ने वाली है। इसका मतलब है कि दूसरी सरकारी एजेंसियां भी इस मामले में शामिल हो सकती हैं।
स्टॉक प्राइस में गिरावट पर कंपनी ने क्या कहा?
Gensol ने माना कि इस पूरे विवाद और सेबी के आदेश से निवेशकों का भरोसा डगमगाया है, इसलिए उनके शेयर की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव आया। Gensol ने कहा, “हमारा अपने बिजनेस गोल पर फोकस बना हुआ है। हम ऑपरेशन की स्थिरता और प्रदर्शन को बनाए रखने के लिए पूरी मेहनत कर रहे हैं।”
Gensol Engineering पर क्या हैं आरोप?
सेबी के अनुसार, कंपनी ने करीब ₹97 करोड़ की रकम प्रमोटर से जुड़ी कंपनियों को डायवर्ट की। इसके अलावा, एक सब्सिडियरी से लिए गए ₹37.5 करोड़ के लोन को Gensol के प्रमोटर Anmol Singh Jaggi के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया गया। Gensol और उसके प्रमोटरों पर मुख्य तौर पर फंड डायवर्जन और शेयरों की कीमतों में हेरफेर करने जैसे आरोप हैं।
कंपनी की सफाई, गवर्नेंस में कोई ढील नहीं
Gensol का कहना है कि सेबी के अंतरिम आदेश के मुताबिक प्रमोटर्स Anmol Singh Jaggi और Puneet Singh Jaggi को तत्काल प्रभाव से कंपनी में डायरेक्टर या कोई मैनेजमेंट रोल निभाने से रोका गया है। Gensol ने कहा कि दोनों अब कंपनी के संचालन में हिस्सा नहीं ले रहे हैं।
कंपनी ने अपने स्टेटमेंट में कहा, “हम कॉर्पोरेट गवर्नेंस और पारदर्शिता के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
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