सरकार ने सेबी के दूसरे होल टाइम मेंबर (डब्ल्यूटीएम) की नियुक्ति के लिए वैकेंसी निकाली है। इस बारे में 4 अगस्त को डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स की वेबसाइट पर एक नोटिफिकेशन जारी हुआ हैष इसमें कहा गया है कि डब्ल्यूटीएम का कार्यकाल 5 साल तक का होगा। 60 साल की उम्र पूरी करने के बाद वह अपने पद पर नहीं रह सकेंगे। हालांकि दोबारा नियुक्ति के लिए डब्ल्यूटीएम के नाम पर विचार किया जा सकता है।
6 अक्टूबर अप्लाई करने की अंतिम तारीख
SEBI का डब्ल्यूटीएम बनने के इच्छुक उम्मीदवार 6 अक्टूबर, 2025 तक अप्लाई कर सकते हैं। नियुक्ति के बाद डब्ल्यूटीएम को हर महीने 5,00,000 रुपये सैलरी मिलेगी। उन्हें कार और घर नहीं मिलेगा। सेबी एक्ट के मुताबिक, बोर्ड में 4 होल टाइम मेंबर होने चाहिए। सेबी के बोर्ड में एक चेयरमैन और 4 पार्ट-टाइम मेंबर होते हैं। अभी सेबी के बोर्ड में 3 होल टाइम मेंबर हैं। इनमें अनंत नारायण जी, अमरजीत सिंह और कमलेश चंद्र वार्ष्णेय शामिल हैं।
सेबी के बोर्ड में 4 होल टाइम मेंबर्स
अनंत नारायण सेबी के बोर्ड के सबसे सीनियर होल टाइम मेंबर हैं। अगले महीने उनका तीन साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है। बोर्ड के दूसरे पार्ट टाइम मेंबर्स में डिपार्टेमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स के सेक्रेटरी, मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स के सेक्रेटरी, आरबीआई का एक डिप्टी गवर्नर और एक पार्ट टाइम मेंबर आम तौर पर फाइनेंस, लॉ, इकोनॉमिक्स या अकैडमिक फील्ड का होता है। होल टाइम मेंबर का यह पोजीशन लंबे समय से खाली है। पहले सेबी के बोर्ड में 2 होल टाइम मेंबर होते थे। लेकिन, बाद में इसे बढ़ाकर 4 कर दिया गया।
होल टाइम मेंबर का दर्जा अतिरिक्त सचिव का
डब्ल्यूटीएम का एक पोस्ट अश्विनी भाटिया का कार्यकाल पूरा होने के बाद से खाली है। उनका कार्यकाल 31 मई को खत्म हो गया था। मार्केट की जानकारी रखने वाले लोगों का मानना है सरकार दोनों पदों की वैकेंसी एक साथ पूरी कर सकती है। दोनों के लिए एक साथ इंटरव्यू आयोजित किए जा सकते हैं। सेबी के बोर्ड के होल टाइम मेंबर का दर्जा वही होता है जो केंद्र सरकार में अतिरिक्त सचिव का होता है।
FSRASC की सिफारिश से होता है मेंबर का सेलेक्शन
सेबी के बोर्ड के होल टाइम मेंबर का सेलेक्शन फाइनेंशियल सेक्टर रेगुलेटरी अप्वाइंटमेंट सर्च कमेटी (FSRASC) की सिफारिश से होता है। यह कमेटी सरकार की है, जिसका काम प्रमुख फाइनेंशियल रेगुलेटरी बॉडीज में सीनियर पोजीशन पर नियुक्ति के लिए उम्मीदवार के नाम की सिफारिश करना है। इनमें आरबीआई, सेबी और आईआरडीएआई जैसे बॉडीज शामिल हैं। इस कमेटी का प्रमुख चीफ सेक्रेटरी होता है। इसमें फाइनेंस मिनिस्ट्री के डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी और फील्ड से जुड़े एक्सपर्ट्स शामिल होते हैं। इस कमेटी की सिफारिश को कैबिनेट कमेटी ऑन अप्लाइंटमेंट के पास भेजा जाता है, जिसमें उम्मीदवार के नाम को फाइनल एप्रूवल मिलता है।