अनलिस्टेड शेयरों में बड़ी गिरावट, जून हाई से 50% तक टूटा भाव, इस कारण निवेशक बेच रहे शेयर

अनलिस्टेड मार्केट को लेकर निवेशकों का सेंटीमेंट बदलता दिख रहा है। साल 2025 की शुरुआत से लगातार तेजी दिखा रहे कई अनलिस्टेड शेयर अब जून के उच्चतम स्तर से तेज गिरावट का सामना कर रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि हाल में आए कई आईपीओ (IPO) की लिस्टिंग उनके ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) से कम रही थी। इसके चलते निवेशक अब अनलिस्टेड मार्केट के भाव को लेकर सतर्क हो गए हैं

अपडेटेड Aug 19, 2025 पर 10:34 AM
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टाटा कैपिटल के अनलिस्टेड शेयरों का भाव जून के 1,075 रुपये से गिरकर 765 रुपये पर आ गया

अनलिस्टेड मार्केट को लेकर निवेशकों का सेंटीमेंट बदलता दिख रहा है। साल 2025 की शुरुआत से लगातार तेजी दिखा रहे कई अनलिस्टेड शेयर अब जून के उच्चतम स्तर से तेज गिरावट का सामना कर रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि हाल में आए कई आईपीओ (IPO) की लिस्टिंग उनके ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) से कम रही थी। इसके चलते निवेशक अब अनलिस्टेड मार्केट के भाव को लेकर सतर्क हो गए हैं।

मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (MSEI) और मैट्रिक्स गैस रिन्यूएबल के अनलिस्टेड शेयरों में सबसे अधिक गिरावट देखने को मिली है। मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (MSEI) के शेयर जून में 9 रुपये पर कारोबार कर रहे थे, जो अब गिरकर 4.25 रुपये पर आ गया है। मैट्रिक्स गैस रिन्यूएबल का भाव भी आधा होकर 68 रुपये से 34 रुपये पर पहुंच गया है।

अपोलो ग्रीन एनर्जी में भी करीब 44% की गिरावट आई है और इसका भाव अब 200 से फिसलकर 112 रुपये हो गया। बीरा और ओयो के अनलिस्टेड शेयर भी जून की ऊंचाई से क्रमशः 16% और 14% नीचे आ गए। फार्मईजी, मोतीलाल ओसवाल होम फाइनेंस और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में 11% से ज्यादा की गिरावट आई।


ब्लू-चिप कंपनियां भी इस गिरावट से अछूती नहीं रहीं। टाटा कैपिटल के अनलिस्टेड शेयरों का भाव जून के 1,075 रुपये से गिरकर 765 रुपये पर आ गया। नयारा एनर्जी के अनलिस्टेड शेयरों का भाव 1,400 रुपये से घटकर 1,000 रुपये पर पहुंच गई।

गिरावट की वजह

मार्केट एनालिस्ट्स के मुताबिक, इस गिरावट की शुरुआत तब हुई जब HDB फाइनेंशियल ने अपने आईपीओ का प्राइस बैंड ग्रे-मार्केट की उम्मीदों से लगभग 40% कम तय किया। टाटा कैपिटल ने भी अपने राइट्स इश्यू का वैल्युएशन अनलिस्टेड मार्केट के भाव से काफी नीचे रखा। इससे निवेशक घबरा गए और अनलिस्टेड मार्केट में बड़े पैमाने पर बिकवाली देखने को मिली।

निवेशकों का सेंटीमेंट तब और खराब हुआ, जब विक्रांत सोलर और NSDL के आईपीओ भी अपने अनलिस्टेड भाव से क्रमश: 15% और 22% नीचे प्राइस पर लॉन्च हुए। साथ ही इन आईपीओ की लिस्टिंग भी लगभग सुस्त रही, जबकि रिटेल और HNI निवेशकों ने इनमें भारी दिलचस्पी दिखाई थी।

Unlisted Stocks Correct Deeply From June Peak

अटकलों और ओवरवैल्यूएशन का असर

मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि हालिया रैली में कई शेयर वैल्यूएशन के बजाय सिर्फ सेंटीमेंट पर चढ़े थे। इसके अलावा स्टॉक हॉर्डिंग और मैनिपुलेशन ने भी कीमतों को कृत्रिम रूप से ऊपर की ओर बढ़ाया। लिस्टेड शेयरों के उलट, अनलिस्टेड शेयरों को बेचना मुश्किल होता है। इससे निवेशकों की बेचैनी और बढ़ गई। SEBI की सख्त निगरानी ने भी प्री-IPO डील्स और सट्टेबाजी पर अंकुश लगाया।

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