अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने जनवरी में अदाणी ग्रुप (Adani Group) पर एक रिपोर्ट पेश की थी। इस रिपोर्ट ने अदाणी ग्रुप के कंपनियों की चाल ही बिगाड़ दी। इनमें रिकवरी तो हुई है लेकिन अभी भी किसी कंपनी के शेयर पुराने लेवल पर नहीं पहुंच पाए हैं। वहीं हिंडनबर्ग एक और धमाके की तैयारी में हैं। अमेरिकी शॉर्ट सेलर ने आज 23 मार्च को खुलासा किया है कि जल्द ही यह एक नई रिपोर्ट जारी करेगी और यह भी बड़ी ही होगी। हालांकि हिंडनबर्ग ने इसके अलावा कुछ और खुलासा नहीं किया है यानी कि रिपोर्ट किसके बारे में होगी, इसे लेकर फिलहाल कोई संकेत नहीं मिले हैं।
Hindenburg के ट्वीट की दिलचस्प टाइमिंग
हिंडनबर्ग ने एक बड़ी रिपोर्ट को लेकर ट्वीट ऐसे समय में किया है जब अमेरिका में बैंकिंग सेक्टर डगमगा रहा है। अमेरिका में सिलिकॉन वैली बैंक, सिग्नेचर बैंक डूब गए और स्विटजरलैंड में क्रेडिट स्विस को यूबीएस में विलय करना पड़ रहा है। सिलिकॉन वैली बैंक के डूबने पर ट्विटर यूजर्स ने हिंडनबर्ग को निशाने पर लिया था कि अदाणी ग्रुप को लेकर उसने पक्षपातपूर्ण ढंग से रिपोर्ट पब्लिश की और अमेरिका के दो बड़े बैंकों के फेल होने पर चुप्पी साधे रहा।
एक यूजर ने लिखा कि हिंडनबर्ग अब कहां छिपा है तो दूसरे यूजर ने लिखा कि सिलिकॉन वैली बैंक ढह गया, अरबों डॉलर खत्म हो गए, 2008 के बाद से बैंकिंग सेक्टर को सबसे बड़ा झटका लगा है लेकिन हिंडनबर्ग की कोई रिपोर्ट नहीं आई। एक यूजर ने लिखा है कि तुम शॉर्ट सेलर होने का दावा करते है जो शेयरों की गिरावट से मुनाफा कमाता है, लेकिन जब अमेरिकी बैंक गिर रहे थे तो तुम भारत और अदाणी पर लगे हुए थे, क्या इसका कोई कारण, अदाणी और भारत के प्रति इस रुझान को लेकर कौन फाइनेंस कर रहा है। वहीं कुछ यूजर कयास लगा रहे हैं कि अब किसी अमेरिकी बैंक को लेकर रिपोर्ट जारी हो सकता है।
Adani Group पर क्या था हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में
24 जनवरी को जारी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अदाणी ग्रुप की कंपनियों पर स्टॉक मैनिपुलेशन और अकाउंटिंग फ्रॉड का आरोप लगाया गया था। हालांकि अदाणी ग्रुप ने इन सभी आरोपों से इनकार किया था और ग्रुप ने इसे भारत, इसकी संस्खथाओं और ग्रोथ स्टोर पर कैलकुलेटेड अटैक कहा था। ग्रुप ने दावा किया कि हिंडनबर्ग ने सिर्फ मुनाफा कमाने के लिए झूठ का बाजार खड़े करने की कोशिश की। हालांकि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने अदाणी ग्रुप को तगड़ा झटका दिया और अदाणी ग्रुप की कंपनियों का 15 हजार करोड़ डॉलर से अधिक मार्केट कैप साफ हो चुका है।