मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने सोमवार 13 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दाखिल एक हलफनामे में बताया कि वह अडानी ग्रुप (Adani Group) पर अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की ओर से लगाए गए आरोपों की जांच कर रहा है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। सेबी ने यह भी बताया कि 24 जनवरी को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के तुरंत पहले और बाद में उसका बाजार पर नजर बनी हुई थी। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अरबपति कारोबारी गौतम अडानी की अगुआई वाली अडानी ग्रुप की 7 सूचीबद्ध कंपनियों की मार्केट वैल्यू अबतक करीब 120 अरब डॉलर घट चुकी है।
हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में विदेशी टैक्स हैवन देशों का गलत इस्तेमाल और शेयरों की कीमत को प्रभावित करने का आरोप लगाया था, जिसे अडानी ग्रुप ने निराधार बताया है। इससे पहले दिन में अडानी ग्रुप ने एक बयान के जरिए निवेशकों का आश्वस्त करने की कोशिश की।
अडानी ग्रुप ने उनके बिजनेस प्लान पूरी तरह से वित्त पोषित हैं। उनका कैश-फ्लो मजबूत है और उसे अपने शेयरधारकों लगातार आकर्षक रिटर्न देने का भरोसा है।
पिछले हफ्ते आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, सेबी अडानी ग्रुप के वापस लिए जा चुके 20,000 करोड़ रुपये के फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) में पैसा लगाने वाले कुछ निवेशकों की जांच कर रही है। अडानी ग्रुप ने अपनी शेयरों में आई तेज गिरावट के चलते इस FPO को पूरी तरह सब्सक्राइब हो जाने के बावजूद वापस ले लिया था।
SEBI ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में जांच की बात स्वीकारी है। मार्केट रेगुलेटर ने कहा, "सेबी पहले से ही दोनों मामलों की जांच कर रही है। इसमें हिंडनबर्ग रिपोर्ट में लगाए आरोप और रिपोर्ट के पहले व बाद में बाजार दिखी गतिविधियां शामिल हैं।" SEBI ने साथ में यह भी बताया कि ये जांच अभी शुरुआती स्तर पर है।
मार्केट रेगुलेटर ने कहा, "सेबी को सिक्योरिटी मार्केट के स्थिर संचालन और विकास को प्रभावित करने के लिए रेगुलेटरी ढांचे को लागू करने के लिए मजबूती से और पर्याप्त रूप से अधिकार प्राप्त हैं।"