Hindustan Zinc Share Price: दिग्गज माइनिंग कंपनी वेदांता (Vedanta) की सब्सिडरी हिंदुस्तान जिंक के शेयरों में आज खरीदारी का जोरदार रुझान दिखा। चांदी उछलकर $61 के पार पहुंच गई। अमेरिकी फेड के ब्याज दरों पर फैसले से ठीक पहले चांदी रिकॉर्ड हाई पर पहुंची तो हिंदुस्तान जिंक के शेयर भी चमक उठे। हिंदुस्तान जिंक के शेयर निवेशकों के बुलिश रुझान पर करीब 5% उछल पड़े। इस तेजी का कुछ निवेशकों ने फायदा उठाया जिससे भाव थोड़े नरम पड़े लेकिन अब भी यह काफी मजबूत स्थिति में है। फिलहाल बीएसई पर यह 4.36% की बढ़त के साथ ₹512.00 पर है। इंट्रा-डे में यह 4.97% उछलकर ₹515.00 तक पहुंच गया था।
चांदी की तेजी का असर हिंदुस्तान जिंक के शेयरों पर इसलिए पड़ा क्योंकि यह देश की इकलौती प्योर लिस्टेड सिल्वर प्ले है। चांदी की इसके ईबीआईटी यानी ऑपरेटिंग प्रॉफिट में 40-45% हिस्सेदारी है। इस कारण चांदी के भाव को लेकर यह स्टॉक काफी संवेदनशील है। एक कारोबारी दिन पहले ब्रोकरेज फर्म बीएंडके सिक्योरिटीज ने इसकी ₹610 के टारगेट प्राइस और खरीदारी की रेटिंग के साथ कवरेज शुरू की थी।
Hindustan Zinc पर क्यों है ब्रोकरेज फर्म बुलिश?
हिंदुस्तान जिंक देश की इकलौती और दुनिया की सबसे बड़ी और इकलौती इंटीग्रेटेड जिंक प्रोड्यूसर है। बीएंडके सिक्योरिटीज ने ₹610 के टारगेट प्राइस पर खरीदारी के रेटिंग के साथ इसकी कवरेज शुरू की है। बीएंडके सिक्योरिटीज ने इसका टारगेट प्राइस निकालने के लिए EBITDA के मुकाबले इसकी एंटरप्राइज वैल्यू 9 गुना (EV/EBITDA) और सिल्वर बिजनेस के मामले में 15 गुना लगाई है। इस स्थिति में जिंक के भाव को प्रति टन $3000 टन, लेड की कीमत प्रति टन $2050 और चांदी की कीमत प्रति औंस $44 तक पहुंचने का अनुमान है।
हिंदुस्तान जिंक दुनिया भर में सस्ते लागत पर जिंक निकालने वाली कंपनियों में शुमार है और सितंबर तिमाही में इसकी लागत प्रति टन $994 रही जोकि वैश्विक लागत $1,300-$1,400 से करीब 30% कम रही। हिंदुस्तान जिंक के बोर्ड ने पांच साल में इंटीग्रेटेड रिफाइन्ड मेटर प्रोडक्शन कैपेसिटी को दोगुना करने की योजना के पहले चरण में ₹30 हजार करोड़ के कैपिटल एक्सपेंडिचर को मंजूरी दी है।
ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि चांदी में जो तेजी का माहौल है, उसके चलते हिंदुस्तान जिंक के सिल्वर प्रोडक्शन से कंपनी के लिए पर्याप्त कमाई का मौका बन रहा है। ब्रोकरेज फर्म को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2027 में कंपनी के ऑपरेटिंग प्रॉफिट यानी ईबीआईटीडीए में चांदी की हिस्सेदारी मौजूदा 28% से बढ़कर 42% तक पहुंच सकती है। कंपनी ने इस वित्त वर्ष 2026 की दूसरी छमाही में 400 टन सिल्वर प्रोडक्शन में से 120 टन चांदी प्रति औंस $37 के भाव पर बेची। अब ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि 120 टन चांदी हेज्ड प्राइस पर बेचा जाएगा और बाकी चांदी स्पॉट मार्केट प्राइस पर बिकेगा।
बीएंडके सिक्योरिटीज का मानना है कि 160 KTPA की क्षमता वाले डेबारी रोस्टर, दरीबा स्मेल्टिंग कॉम्प्लेक्स सेल-हाउस डी-बॉटलनेकिंग और चंदेरिया लेड-जिंक स्मेल्टर सेल-हाउस डी-बॉटलनेकिंग से नियम टर्म में इसकी ग्रोथ को सपोर्ट मिल रहा है। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि ये सभी इसी वित्त वर्ष में चालू हो सकते हैं।
एक साल में कैसी रही शेयरों की चाल?
वेदांता की इकाई हिंदुस्तान जिंक के शेयर 3 मार्च 2025 को ₹378.65 पर थे जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड निचला स्तर है। इस निचले स्तर से यह तीन महीने में 44.45% उछलकर 10 जून 2025 को ₹546.95 पर पहुंच गया जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड हाई लेवल है। आगे की बात करें तो इसे कवर करने वाले ओवरऑल 17 एनालिस्ट्स में से 8 ने इसे खरीदारी, 3 ने होल्ड और 6 ने सेल रेटिंग दी है।
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