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Adani Wilmar ने ढाई महीने में दिया 290% रिटर्न, इन 3 फैक्टर्स के चलते शेयर में जारी है रैली

लिस्टिंग के बाद से अभी तेजी जारी रहने के बावजूद एनालिस्ट्स Adani Wilmar के शेयर पर बूलिश हैं। 290 फीसदी की रैली के बावजूद कुछ एनालिस्ट शेयर के निकट भविष्य में 1,000 रुपये के स्तर तक पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं

अपडेटेड Apr 28, 2022 पर 10:55 AM
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26 अप्रैल को ही अडानी विलमर ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की और उसकी मार्केट कैप पहली बार एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई। वर्तमान में बीएसई पर कंपनी की मार्केट कैप 1.13 लाख करोड़ रुपये है

Adani Wilmar stock : इस साल फरवरी में लिस्टिंग के बाद से अभी तक अडानी विलमर के शेयर में निवेशकों की दिलचस्पी बनी हुई है। एडिबल ऑयल बनाने वाली कंपनी का शेयर 221 रुपये के लिस्टिंग प्राइस की तुलना में 290 फीसदी की मजबूती के साथ 865.50 रुपये (28 अप्रैल को सुबह 10 बजे) तक पहुंच गया है। 26 अप्रैल को ही कंपनी ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की और उसकी मार्केट कैप पहली बार एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई। वर्तमान में बीएसई पर कंपनी की मार्केट कैप 1.13 लाख करोड़ रुपये है।

शेयर ने छूआ 878 रुपये का रिकॉर्ड हाई

गुरुवार के सेशन के दौरान अडानी विलमर के शेयर ने एंट्राडे में 878.35 रुपये का उच्चतम स्तर छूआ जो उसका रिकॉर्ड हाई भी है और 852 रुपये का निचला स्तर छूआ। वर्तमान में (सुबह 10 बजे) शेयर लगभग 3 फीसदी की मजबूती के साथ 865.50 रुपये पर कारोबार कर रहा है।


लिस्टिंग के बाद से अभी तेजी जारी रहने के बावजूद एनालिस्ट्स Adani Wilmar के शेयर पर बूलिश हैं। 290 फीसदी की रैली के बावजूद कुछ एनालिस्ट शेयर के निकट भविष्य में 1,000 रुपये के स्तर तक पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं।

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बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 8 फरवरी को लिस्टिंग के बाद से 3 वजहों से स्टॉक में रैली बनी हुई है।

1. पॉम ऑयल के निर्यात पर बैन

इंडोनेशिया ने स्थानीय स्तर पर कीमतों को काबू में करने के लिए पॉम ऑयल के निर्यात पर रोक लगा दी है। कमोडिटी की कमी के बीच एडिबल ऑयल कंपनियों को भारत में अच्छी कीमत का फायदा मिल रहा है। भारत सी सबसे बड़ी एडिबल ऑयल (edible oil) कंपनी होने के नाते अडानी विलमर को पॉम ऑयल (palm oil) की कमी से खासा फायदा मिलने की उम्मीद है। भारत अपनी palm oil की जरूरत का आधा हिस्सा इंडोनेशिया से आयात करता है।

2. रूस-यूक्रेन युद्ध

Russia Ukraine war  : रूस-यूक्रेन के चलते कमोडिटी विशेषकर एडिबल ऑयल्स की कीमतें बढ़ी हुई हैं। जंग के चलते यूक्रेन से पूरी सप्लाई चेन बाधित हो गई है, जो सोयाबीन सीड और तेल के बड़े निर्यातकों में से एक है। इसका भी फायदा अडानी विलमर को मिल रहा है।

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3. मजबूत बिजनेस स्ट्रैटजी

Adani Group की कंपनी की ताकत उसका मजबूत डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क है, जिससे सप्लाई की कमी से प्रभावित बाजार में इनवेंट्री को बेचने से फायदा होगा। कंपनी अगले 3-4 साल में अपने डिस्ट्रीब्यूशन में सुधार की योजना भी बना रही है। अडानी विलमर एक मजबूत ब्रांड है। उसकी एकीकृत मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी से उसे विभिन्न बिजनेस लाइंस की कॉस्ट कम रखने में मदद मिलती है।

एडलवाइस ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा, “उक्त फैक्टर्स के चलते अडानी विलमल वित्त वर्ष 21 से 24 के दौरान अनुमानित रूप से क्रमशः 9.3 फसदी और 19.9 फीसदी के सीएजीआर से वॉल्यूम और अर्निंग में ग्रोथ दर्ज करने में कामयाब होगी।”

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