HDFC Group stocks : एक समय दलाल स्ट्रीट के फेवरेट रहे एचडीएफसी ग्रुप के स्टॉक्स को इनवेस्टर्स की बेरुखी का सामना करना पड़ रहा है। फॉरेन फंड की लगातार बिकवाली, प्रीमियम वैल्युएशन और लीडरशिप में बदलाव शेयर बाजार में कमजोर प्रदर्शन की वजह मानी जा रही हैं।
एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank), एचडीएफसी (HDFC), एचडीएफसी लाइफ (HDFC Life) और एचडीएफसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी (HDFC AMC) का प्रदर्शन 2022 में और पिछले एक से दो साल की अवधि में खासा कमजोर रहा है।
बीते दो साल में कितना टूटे स्टॉक
इस साल जनवरी से अब तक HDFC Bank में 7 फीसदी, HDFC में 12 फीसदी, HDFC Life में 14 फीसदी और HDFC AMC में 14 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं इस दौरान निफ्टी (Nifty) में 4.3 फीसदी की कमजोरी रही है।
पिछले दो साल में HDFC Bank में 16 फीसदी की मजबूती देखने को मिली है, जबकि निफ्टी (Nifty) में इस दौरान 48 फीसदी और निफ्टी बैंक इंडेक्स (Nifty Bank index) 22 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है। इस अवधि में मॉर्टगेज लेंडर HDFC में 5 फीसदी और HDFC Life में 3 फीसदी की मजबूती दर्ज की गई। ग्रुप की सबसे नई लिस्टेड कंपनी HDFC AMC के शेयर में इस दौरान 32 फीसदी की कमजोरी दर्ज की गई है।
इन वजहों से जारी है गिरावट
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में जूलियस बेयर वैल्थ एडवाइजर्स के हेड (डिसक्रेशनरी इक्विटीज) नितिन रहेजा ने कहा, “बीते कुछ साल में ग्रुप के बैंकिंग, मॉर्टगेज फाइनेंस, एसेट मैनेजमेंट और इंश्योरेंस सहित सभी बिजनेस को ग्रोथ, मैनेजमेंट में बदलाव, टेक्नोलॉजी से जुड़े मुद्दों के लिहाज से दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। साथ ही उसके सभी शेयर वैल्यू करेक्शन जोन में बने हुए हैं। एफपीआई (FPI) की बड़ी हिस्सेदारी को देखते हुए FPI की लगातार बिकवाली के चलते एचडीएफसी ग्रुप (HDFC group) के स्टॉक्स के प्रदर्शन में मदद नहीं मिल रही है।”
लगातार कम हो रही वैल्युएशन
लगभग एक दशक से HDFC Group के स्टॉक्स प्रीमियम वैल्युएशन पर ट्रेड करते रहे हैं, क्योंकि उन्हें अच्छी अर्निंग ग्रोथ और ऊंचे कॉरपोरेट गवर्नेंस लेवल के कारण टिकाऊ दांव माना जाता रहा है।
HDFC Bank 2020 की शुरुआत में अपनी बुक वैल्यू से चार गुने से ज्यादा पर ट्रेड कर रहा था। उस समय वैश्विक स्तर पर यह सबसे ज्यादा महंगा बैंक था। भारी बिकवाली के चलते बीते दो साल में उसकी वैल्युएशन 20 फीसदी तक कम हो गई है। बीते साल फॉरेन इनवेस्टर्स की होल्डिंग 39.35 फीसदी से घटकर 37.47 फीसदी रह गई है।
बाजार में हैं बेहतर ऑप्शन
शेयरखान के हेड (रिसर्च) संजीव होता ने कहा, “पिछले दो साल में, बाजार की ग्रोथ की उम्मीदों और वैल्युएशन में तालमेल नहीं रहा है। वहीं उसकी प्रतिस्पर्धी कंपनियों के शेयर डिकाउंटेड वैल्युएशन पर मिल रहे हैं, जिनकी ग्रोथ या तो उसके समान है या बेहतर है। इसीलिए, फंड्स ने HDFC group के स्टॉक्स में अपनी पोजिशन घटाई है और अपना पैसा बेहतर रिस्क-रिवार्ड के साथ इसी बिजनेस में लगाया है।”