इस महीने अभी तक निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स (Nifty Midcap 100 index) 6.8 फीसदी और निफ्टी स्मालकैप 100 (Nifty Smallcap 100) 4.2 फीसदी मजबूत हो चुके हैं। वहीं बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में 2.3 फीसदी की मजबूती देखने को मिली है। 20 जून से अभी तक, Nifty midcap औक smallcap indices दोनों ही लगभग 11-11 फीसदी चढ़ चुके हैं, जबकि सेंसेक्स और निफ्टी में 5.3 फीसदी की मजबूती देखने को मिली है।
मई में, मिडकैप और स्माल कैप इंडेक्स में क्रमशः 5 फीसदी और 10 फीसदी की गिरावट रही थी, वहीं जून (20 जून तक) में इनमें क्रमशः 11 फीसदी और 8.5 फीसदी की गिरावट रही थी। सालाना आधार पर, निफ्टी मिडकैप 7.3 फीसदी कमजोर हो चुका है, वहीं निफ्टी स्मालकैप 22 फीसदी टूट चुका है। वहीं, इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी में 7 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है।
मिडकैप में ये हैं टॉप गेनर्स
मिड कैप कंपनियों में हिंदुस्तान जिंकग, अडानी टोटल गैस, ओबेरॉय रियल्टी, डालमिया भारत, इंडियन बैंक, क्रॉम्पटन ग्रीव्स कंज्यूमर, केनरा बैंक, आईडीबीआई बैंक, यूनाइटेड ब्रुअरीज, एस्कॉर्ट कुबोता, अपोलो टायर्स, ट्रेंट, महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज, गोदरेज प्रॉपर्टीज, एमआरएफ 13-18 फीसदी तक बढ़ चुके हैं।
इन स्मालकैप्स में 46 फीसदी तक की तेजी आई
स्मालकैप कंपनियों में, ब्राइटकॉम ग्रुप, एचएफसीएल, अनुपम रसायन इंडिया, केईसी इंटरनेशनल, कैन फिन होम्स, चम्बल फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स, सिटी यूनियन बैंक, बजाज इलेक्ट्रिकल्स, एडेलवाइज फाइनेंशियल सर्विसेज, ग्रैनुअल्स इंडिया, जिंदल स्टेनलेस, पूनावाला फिनकॉर्प 11-46 फीसदी तक मजबूत हो चुके हैं।
रिलायंस सिक्योरिटीज के हेड (रिसर्च) मितुल शाह ने कहा, “स्मालकैप और मिडकैप कंपनियां कमोडिटीज की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर ज्यादा ही सतर्क रहती हैं। इससे उनके मार्जिन और प्रॉफिटेबबिलिटी पर जल्दी असर पड़ता है। इसीलिए, पिछले 4-5 महीनों में रूस-यूक्रेन संकट के बीच कमोडिटीज की कीमतें बढ़ने से उनके शेयर तेजी से गिरे थे।” हाल में कीमतें गिर रही हैं, जिसका फायदा शेयरों को मिल रहा है।
आनंद राठी के एनालिस्ट नरेंद्र सोलंकी ने कहा, पिछले 12 महीने से Nifty midcap100 और Nifty smallcap100 क्रमश: 12 गुने और 17 गुने पर कारोबार कर रहे हैं। वहीं एलटीएम बेसिस पर उनका पांच साल का औसत क्रमशः 36 और 34 गुने का रहा है।