IT sector Outlook : भारतीय आईटी इंडस्ट्री ने वित्त वर्ष 2022 की पहली तीन तिमाहियों के दौरान लगातार अच्छा प्रदर्शन किया और ग्राहकों से आई मजबूत मांग के दम पर मजबूत नतीजे दिए। इस दौरान पूरी दुनिया में डिजिटल ट्रांसफार्मेशन का जोर रहा जिसका फायदा भारतीय आईटी कंपनियों को मिला। कोविड महामारी के हल्के पड़ने के साथ ही ग्लोबल इकोनॉमी में सामान्य स्थितियां बहाल होती नजर आईं और इस दौरान आईटी कंपनियों को बड़े-बड़े डील भा मिलते नजर आए।
इन शुरुआती तीन तिमाहियों में लगभग सभी शीर्ष आईटी कंपनियों की प्रबंधन टिप्पणियों मे मांग में मजूबती और स्थिरता कायम रहने बारे में विश्वास व्यक्त किया गया। इस दौरान जिस तरह से बड़ी-बड़ी डील हो रही थी उसके देख कर इस पर भरोसा भी हो रहा था। कंपनियों की तरफ से की जा रही भर्तियों से भी आईटी इंडस्ट्री के आगे के आउटलुक को लेकर उम्मीदें उफान पर थीं।
लेकिन चौथी तिमाही में इन उम्मीदों को झटका लगता नजर आया क्योंकि दिसंबर तिमाही के हाई बेस के तुलना में मार्च तिमाही में आईटी कंपनियों के अर्निंग पर दबाव देखने को मिला। BSE 500 में शामिल आईटी कंपनियों के चौथी तिमाही के प्रदर्शन पर नजर डालें तो मार्च 2022 तिमाही में आईटी कंपनियों की रेवेन्यू में दिसंबर तिमाही की तुलना में सिर्फ 1 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है। जबकि AceEquity पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में ये ग्रोथ 19 फीसदी पर रही थी।
हेम सिक्योरिटीज के मोहित निगम का कहना है कि Q4FY22 में आईटी कंपनियों की आय अनुमान से काफी कमजोर रही। इस अवधि में आईटी कंपनियों के प्रदर्शन पर तेजी से बदलती मैक्रो आर्थिक स्थितियों, ग्लोबल इकोनामी में मंदी के डर, मुद्रास्फीति (महंगाई) के दबाव और सप्लाई से जुड़ी परेशानियों ने सबसे ज्यादा दबाव बनाया।
चौथी तिमाही में आईटी सेक्टर की आय में तिमाही आधार पर 3.28 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली जबकि लो बेस इफेक्ट के कारण सालाना आधार पर इसमें 28 फीसदी का उछाल देखने को मिला। चौथी तिमाही में आईटी कंपनियों को सप्लाई से जुड़ी भारी दिक्कत का सामना करना पड़ा। इस दौरान कंपनियों की एट्रिशन रेट बहुत ज्यादा रही जिसके कारण आईटी कंपनियों को अपने कर्मचारियों को रोके रखने के लिए उनके वेतन में बढ़ोतरी करनी पड़ी जिससे आईटी सेक्टर के मार्जिन पर भारी दबाव बना।
अब आगे के लिए कैसी हैं संभावनाएं
आईटी कंपनियों के मैनेजमेंट कमेंट्री से संकेत मिलता है कि मैक्रो इकोनॉमी चिंताओं के बावजूद आईटी कंपनियों के लिए मांग में मजबूती देखने को मिलेगी। एनालिस्ट का मानना है कि वित्त वर्ष 2023 में आईटी कंपनियों की विकास यात्रा जारी रहेगी। Sharekhan के Ashis Dash का कहना है कि हमारा विश्वास है कि डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की डिमांड मजबूत बनी रहेगी। क्योंकि कंपनियों के लिए कोविड -19 के बाद के न्यू नॉर्मल में अपने को प्रतिस्पर्धा में बनाए रखने के लिए डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में फोकस करना ही होगा। ऐसे में हमें डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन पर होने वाले कंपनियों के खर्च में बढ़ोतरी से आईटी कंपनियों को फायदा होता नजर आएगा।
FY2023 की पहली तिमाही में मजबूत डील इनटेक, हेल्दी डील पाइपलाइन और मजबूत डिमांड के चलते आईटी कंपनियों के कमाई में बढ़ोतरी होने की संभावना है।
CapGrow Capital Advisors के अरुण मल्होत्रा का कहना है कि क्लाउंड, डिजिटलीकरण, ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के लिए आईटी सेक्टर में भारी मांग देखने को मिलेगी। इनसे जुड़ी जरुरतें लंबी अवधि की जरुरतें हैं। कंपनियों को अपनी बढ़त बनाए रखने के लिए इस तरह की टेक्नोलॉजी पर निवेश करना ही होगा। जिसका फायदा भारतीय आईटी कंपनियों को मिलेगा।
इसी तरह Jama Wealth के मनोज त्रिवेदी का कहना है कि मजबूत डिमांड के अलावा अगले कुछ वर्षों के दौरान आईटी कंपनियों को अनुकूल रूपी-डॉलर एक्सचेंज रेट का भी फायदा मिलेगा।
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