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TCS शेयर का बायबैक कल खुलेगा, आप निवेशक हैं तो आपको ये जानना है जरूरी

TCS के शेयरों का बायबैक 9 मार्च से खुलकर 23 मार्च को बंद होगा

अपडेटेड Mar 08, 2022 पर 4:09 PM
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TCS का पिछले 5 सालों में ये चौथा और सबसे बड़ा बायबैक ऑफर है

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (Tata Consultancy Services (TCS) के बोर्ड ने जनवरी में 4,500 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 18,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि के लिए 4,00,00,000 स्टॉक वापस खरीदने के प्रस्ताव (buyback offer) को मंजूरी दी थी। TCS के शेयर का बायबैक ऑफर 9 मार्च को खुलेगा और 23 मार्च को बंद होगा। TCS ने कहा कि छोटे शेयरधारकों के लिए रिजर्व्ड कैटेगरी में बायबैक का अनुपात "रिकॉर्ड तिथि पर निवेशक के पास मौजूद प्रत्येक 7 इक्विटी शेयरों के लिए 1 इक्विटी शेयर" होगा। जबकि जनरल कैटेगरी में अन्य सभी पात्र शेयरधारकों के लिए रिकॉर्ड तिथि को मौजूद प्रत्येक 108 इक्विटी शेयरों के लिए बायबैक का अनुपात 1 होगा।

आईटी की दिग्गज कंपनी पात्रता और टीसीएस के शेयर बायबैक के लिए पात्र इक्विटी शेयरधारकों के नाम निर्धारित करने के उद्देश्य से रिकॉर्ड तिथि के रूप में ने 23 फरवरी, 2022 की तारीख तय की है।

16.6% के प्रीमियम पर पूरा होगा बायबैक


12 जनवरी, 2022 को टीसीएस के शेयर 3,857 रुपये पर बंद हुए। इसका मतलब है कि बाय-बैक को स्टॉक के अंतिम बंद भाव से 643 रुपये या 16.6% के प्रीमियम पर पूरा किया जाना है। कंपनी ने 20 जनवरी की रिकॉर्ड तारीख के साथ 7 रुपये के डिविडेंड की भी घोषणा की थी।

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टीसीएस ने कहा कि भरे हुए टेंडर फॉर्म और रजिस्ट्रार द्वारा भौतिक शेयर प्रमाण पत्र सहित अन्य निर्दिष्ट दस्तावेजों की प्राप्ति की अंतिम तिथि भी 23 मार्च है। स्टॉक एक्सचेंजों पर बिड्स पूरी किये जाने की अंतिम तिथि 1 अप्रैल 2022 है।

5 साल में TCS का चौथा और सबसे बड़ा बायबैक

पिछले 5 साल में टीसीएस का यह चौथा और सबसे बड़ा बायबैक ऑफर है। TCS का पिछला बायबैक 18 दिसंबर, 2020 को खुला था और 1 जनवरी, 2021 को बंद हुआ था। इस बायबैक की कीमत लगभग 16,000 करोड़ रुपये थी।

शेयर बायबैक, जिसे शेयरों की पुनर्खरीद के रूप में भी जाना जाता है। इसमें कंपनी अपने मौजूदा शेयरधारकों से अपने शेयरों को प्रचलित बाजार भाव पर प्रीमियम पर वापस खरीदती है। यह शेयरधारकों को पैसा लौटाने का एक वैकल्पिक टैक्स-एफिशिएंट तरीका हो सकता है। शेयर बायबैक से सर्कुलेशन वाले शेयरों की संख्या कम हो जाती है। जिसके बाद शेयर भाव और प्रति शेयर कमाई (EPS) बढ़ सकती है।

 

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