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Trade setup for today : बाजार खुलने के पहले इन आंकड़ों पर डालें एक नजर, मुनाफे वाले सौदे पकड़ने में होगी आसानी

RBI ने मास्टरकार्ड एशिया के कामकाज पर लगी पाबंदियां हटाने का फैसला किया है। इससे HDFC BANK, SBI CARD जैसी कंपनियों को राहत मिली है

अपडेटेड Jun 17, 2022 पर 7:44 AM
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NIFTY कल 15360 पर बंद हुआ था। अब इसके लिए 15050 पर सपोर्ट दिख रहा है। वहीं, ऊपर की तरफ 15670 पर पहला और दूसरा रजिस्टेंस 16000 पर दिख रहा है

गुरुवार 16 जून 2022 को बाजार में मंदी के डर से कोहराम मचता नजर आया। बजार नो कल कारोबारी दिन की शुरुआत जोश के साथ की थी लेकिन कारोबार के अंत में दिवाली की तरह शुरू हुआ बाजार मोहरर्म में बदल गया। भारतीय बाजार कल करीब 2 फीसदी टूटकर बंद हुआ। निफ्टी कल 15400 का अपना मनोवैज्ञानिक सपोर्ट लेवल तोड़ता नजर आया। सेंसेक्स कल 1046 अंक गिरकर 51400 के करीब बंद हुआ था। वहीं निफ्टी 332 अंक गिरकर 15300 के करीब बंद हुआ था। BSE के सभी सेक्टर इंडेक्स कल लाल निशान में बंद हुए थे। मेटल और फार्मा इंडेक्स साल के निचले स्तर पर बंद हुए थे। सबसे ज्यादा गिरावट मेटल और रियल्टी शेयरों में देखने को मिली थी। IT,एनर्जी, ऑटो इडेक्स भी 2 फीसदी से ज्यादा गिरे थे।

आगे कैसी रह सकती है बाजार की चाल

HDFC Securities के दीपक जसानी का कहना है कि निफ्टी ने 15660-15700 का अहम सपोर्ट तोड़ दिया है। ये लेवल अब निफ्टी के लिए रजिस्टेंस बन गया है। किसी गिरावट में निफ्टी को 15315 पर कुछ सपोर्ट मिल सकता है। अगर ये सपोर्ट भी टूट जाता है तो निफ्टी अगले कुछ दिनों या हफ्तों में 14340 की तरफ जा सकता है। ब्याज दरों में बढ़ोतरी के डर ने इक्विटी बाजार की आगे संभावनाओं को कमजोर कर दिया है। इसके चलते बॉन्ड जैसे डेट इंस्ट्रूमेंट ज्यादा आकर्षक हो गए हैं। बढ़ती महंगाई सेंटीमेंट पर नेगेटिव असर डाल रही है। जिसके चलते मंदी आने का डर पैदा हो गया है।


बाजार की गिरावट जल्द थमने की उम्मीद नहीं, एक्सपर्ट्स से जानिए अब रिटेल निवेशकों की क्या हो रणनीति

रेलीगेयर ब्रोकिंग के अजीत मिश्रा का कहना है कि निफ्टी के लिए 15,400-15,450 पर पहला सपोर्ट नजर आ रहा है। जबकि 14,800 और 15,000 पर बड़ा सपोर्ट है। इस जोन के आसपास से किसी उछाल के पहले निफ्टी हमें इन लेवलों के पास कंसोलिडेट होता नजर आ सकता है।

कोटक सिक्योरिटीज के श्रीकांत चौहान का कहना है कि निफ्टी ने अपना 15,650 का बड़ा सपोर्ट तोड़ दिया। यह अपने में एक बहुत बड़ी घटना है। मीडियम टर्म में हमें बाजार में और कमजोरी आती नजर आ सकती है। उन्होंने आगे कहा कि 15,650-15,730 का सपोर्ट अब रजिस्टेंस बन गया है। ऐसे में ट्रेडर्स को सलाह होगी कि वो निफ्टी में कोई उछाल आने पर 15,800 के स्टॉप लॉस के साथ शॉर्ट ट्रेड लें। वहीं अगर निफ्टी 15,100 और 15,000 की तरफ फिसलता है तो 14,950 स्टॉप लॉस के साथ बॉय ट्रेड लें।

एंजल वन के ओशो कृष्णन ने कहा कि ऊपर की तरफ निफ्टी के लिए 15,600-15,700 पर रजिस्टेंस नजर आ रहा है। नियर टर्म में बाजार वोलेटाइल रहेगा। इसकी दिशा ग्लोबल संकेतों से तय होगी। हाल की गिरावट को देखते हुए बाजार में भाग लेने वाले लोगों को सलाह होगी कि गैरजरूरी जोखिम न लें। अपनी पोजीशन हल्की रखें।

मंदी की आशंका से बाजार टूटे,ग्लोबल बाजारों में बिकवाली

ग्लोबल मंदी की आशंका से बाजार टूटे हैं। दुनियाभर के बाजारों में बिकवाली का दबाव देखने को मिल रहा है। कल US मार्केट में 4 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली थी। DOW 750 अंक टूटा था। कल यूरोप के बाजार 3 फीसदी से ज्यादा गिरे थे। SWITZERLAND और UK ने ब्याज दरें बढ़ाईं हैं। एशियाई बाजारों में गिरावट पर कारोबार हो रहा है।

बजाज ऑटो: 27 जून को फिर बायबैक पर विचार

बजाज ऑटो की 27 जून को बोर्ड बैठक होगी। इस बैठक में शेयर बायबैक पर फिर विचार हो सकता है।

RBI ने मास्टरकार्ड पर लगी पाबंदियां हटाईं

RBI ने मास्टरकार्ड एशिया के कामकाज पर लगी पाबंदियां हटाने का फैसला किया है। इससे HDFC BANK, SBI CARD जैसी कंपनियों को राहत मिली है।

ATF को GST के दायरे में लाए सरकार: इंडिगो

इंडिगो ने सरकार से गुहार की है कि ATF को GST के दायरे में लाया जाए। इंडिगो ने कहा है कि ATF की आसमान छूती कीमतों ने इंडस्ट्री का बुरा हाल कर दिया है।

निफ्टी और बैंक निफ्टी पर मार्केट एक्सपर्ट अमित सेठ की स्ट्रैटेजी

NIFTY कल 15360 पर बंद हुआ था। अब इसके लिए 15050 पर सपोर्ट दिख रहा है। वहीं, ऊपर की तरफ 15670 पर पहला और दूसरा रजिस्टेंस 16000 पर दिख रहा है।

BANKNIFTY कल 32617 पर बंद हुआ था। अब इसके लिए 32150 पर सपोर्ट दिख रहा है। वहीं, ऊपर की तरफ 33000 पर पहला और दूसरा रजिस्टेंस 33800 पर दिख रहा है।

फोकस में IOC/BPCL/HPCL

डीजल एक्सपोर्ट पर बैन लगाने की कोई योजना नहीं हैं। कॉमर्स और पेट्रो मंत्रालय का वित्त मंत्रालय को प्रस्ताव नहीं है। डीजल की उपलब्धता पर सरकार की नजर है। महंगे क्रूड के बावजूद सप्लाई की कोई दिक्कतें नहीं हैं। डीजल शॉर्टेज की रिपोर्ट पर पेट्रोलियम मंत्रालय की नजर है।

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