सस्ते घरों और इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार के फोकस से इन शेयरों को लग सकते हैं पंख

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 सितंबर को मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स के अधिकारियों के साथ एक बैठक की। इसमें उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) पर फोकस बढ़ाने को कहा। उन्होंने इस वित्त वर्ष के लिए तय पूंजीगत खर्च के टारगेट को पूरा करने का भी निर्देश दिया

अपडेटेड Sep 21, 2024 पर 4:33 PM
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PMAY-U पर सरकार के फोकस से FY30 तक सीमेंट की मांग 179 मिलियन टन तक पहुंच जाने का अनुमान है। इसे देखते हुए सीमेंट कंपनियां सीमेंट उत्पादन की अपनी क्षमता बढ़ा रही हैं।

फाइनेंस मिनिस्ट्री ने 20 सितंबर को मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स के अधिकारियों के साथ एक बैठक की। इसमें उन्होंने मिनिस्ट्री के पूंजीगत खर्च की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इस वित्त वर्ष के लिए तय पूंजीगत खर्च का टारगेट पूरा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बजट में आवंटित 28,628 करोड़ रुपये का पूरा इस्तेमाल होना चाहिए। इस मीटिंग में वित्त मंत्री का प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) पर ज्यादा जोर रहा। इस स्कीम के तहत लोगों को सस्ते घर उपलब्ध कराए जाते हैं।

प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी)  पर फोकस 

फाइनेंस मिनिस्ट्री ने इस मीटिंग के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट किया। इसमें लिखा कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शहरों में लोगों को घरों की जरूरतें पूरी करने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की रफ्तार बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों को मेट्रोल रेल एंड रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) के लिए पूंजीगत खर्च को टारगेट को भी पूरा करने को कहा। सरकार ने यूनियन बजट 2024 में कैपिटल एक्सपेंडिचर के अंतरिम बजट के 11.1 लाख करोड़ रुपये के टारगेट को बनाए रखा था। यह जीडीपी का 3.4 फीसदी है।


इन कंपनियों के स्टॉक्स को लग सकते हैं पंख

एक्सपर्ट्स का कहना है कि सस्ते घरों पर सरकार के फोकस से कई कंपनियों के शेयरों में तेजी दिख सकती है। ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने अपनी रिपोर्ट में इस बारे में बताया है। उसने कहा है कि इसका सबसे ज्यादा फायदा उन हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को मिलेगा, जो सस्ते घरों के लिए होम लोन देती हैं। इनमें Aadhar Housing Finance, LIC Housing Finance, Aavas Financiers और Home First Finance शामिल हैं।

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सीमेंट कंपनियों और इंफ्रा स्टॉक्स में भी दिखेगी तेजी

PMAY-U पर सरकार के फोकस से FY30 तक सीमेंट की मांग 179 मिलियन टन तक पहुंच जाने का अनुमान है। इसे देखते हुए सीमेंट कंपनियां सीमेंट उत्पादन की अपनी क्षमता बढ़ा रही हैं। इनमें UltraTech Cement, Ambuja Cement और Shree Cement जैसी कंपनियां शामिल हैं। इन कंपनियों को सीमेंट की बढ़ती मांग का फायदा उठाने का मौका मिलेगा। सरकार के पूंजीगत खर्च बढ़ाने का फायदा L&T जैसी कपनियों को भी मिलेगा। अर्बन ट्रांसपोर्टेशन को बेहतर बनाने की सरकार की कोशिश का फायदा Dilip Buildcon को मिल सकता है।

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