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कई फैक्टर भारतीय बाजारों के पक्ष में, साल के अंत तक Nifty के 28000 पर पहुंचने पर नहीं होगी हैरानी: अभिषेक बनर्जी

कमजोर रुपया टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी दोनों इंडस्ट्रीज को सपोर्ट करता है। इसके अलावा, प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि इन क्षेत्रों में ग्रोथ को बढ़ावा दे रही है। तेल की कीमतों में उछाल भारत की अपेक्षाकृत मॉडरेट इनफ्लेशन ट्राजेक्टरी को पटरी से उतार सकता है

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड Jun 15, 2025 पर 3:53 PM
कई फैक्टर भारतीय बाजारों के पक्ष में, साल के अंत तक Nifty के 28000 पर पहुंचने पर नहीं होगी हैरानी: अभिषेक बनर्जी
भू-राजनीतिक तनाव जल्द ही कम नहीं होंगे, जो बदले में भारत को और अधिक आकर्षक बनाता है।

'मुझे साल के अंत से पहले निफ्टी 50 को 28,000 के स्तर पर देखकर हैरानी नहीं होगी। कई मैक्रोइकोनॉमिक फैक्टर वर्तमान में भारतीय बाजारों के पक्ष में हैं। भू-राजनीतिक तनाव जल्द ही कम होने की उम्मीद नहीं है। यह भारत को निवेशकों के लिए और भी अधिक आकर्षक गंतव्य बनाता है।' ये बातें लोटसड्यू के फाउंडर और सीईओ अभिषेक बनर्जी ने मनीकंट्रोल के साथ एक इंटरव्यू में कही हैं। आइए जानते हैं बातचीत के प्रमुख अंश...

क्या भू-राजनीतिक तनाव बने रहने वाले हैं, खासकर इजरायल-ईरान स्थिति अब फोकस में है? क्या वे टैरिफ चिंताओं और वैश्विक विकास चिंताओं के साथ प्रमुख जोखिमों में से एक बने रहेंगे?

भू-राजनीतिक तनाव जल्द ही कम नहीं होंगे, जो बदले में भारत को और अधिक आकर्षक बनाता है। अमेरिकी इक्विटी बाजारों से रिकॉर्ड रिडेंप्शन हुआ है, और FPI फ्लो भारत के लिए सकारात्मक हो रहा है। हालांकि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि क्षेत्रीय संघर्ष चल रहे हैं, हम भाग्यशाली हैं कि हम सीधे तौर पर ऐसी किसी झड़प में शामिल नहीं हैं। इस बीच टैरिफ अभी भी अस्थिरता पैदा करने वाले फैक्टर्स में शामिल हैं।

इससे भी अधिक हैरानी वाली बात यह है कि टैरिफ के कारण अमेरिकी महंगाई में वृद्धि नहीं हुई, जैसा कि कुछ लोगों ने अनुमान लगाया था। यह डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के अंदर अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की बेंचमार्क रेट में कटौती की मांग करने वाली आवाजों को मजबूत कर रहा है।

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