IEX Q1 Results: इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (IEX) ने गुरुवार 24 जुलाई को मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के नतीजे जारी किए। कंपनी ने बताया कि जून तिमाही के दौरान उसे 113 करोड़ का शुद्ध मुनाफा हुआ। यह पिछले साल की इसी तिमाही में रहे 93 रुपये करोड़ के मुनाफे से करीब 21% अधिक है। वहीं कंपनी का रेवेन्यू इस दौरान सालाना आधार पर 13 फीसदी बढ़कर 140 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 124 करोड़ रुपये रहा था। वहीं, खर्चों में 9% की बढ़त दर्ज की गई, जो इस तिमाही में 32 करोड़ रुपये रहा।
बिजली और रिन्यूएबल एनर्जी सर्टिफिकेट्स (RECs) ट्रेडिंग में तेजी
IEX ने बताया कि बिजली के ट्रेडिंग वॉल्यूम में सालाना आधार पर 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और यह कुल 32.4 बिलियन यूनिट्स रहा। RECs ट्रेडिंग में भी सालाना आधार पर 149% की जबरदस्त बढ़त देखी गई और कुल 52.7 लाख सर्टिफिकेट्स का कारोबार किया गया।
IEX ने एक बताया कि 12 जून 2025 को देश में पावर डिमांड 242 गीगावॉट के उच्चतम स्तर तक पहुंच गई थी, लेकिन यह 277 गीगावॉट के अनुमानित पीक डिमांड की तुलना में काफी कम रही। इसका कारण समय से पहले मानसून और असामान्य बारिश बताया गया, जिससे तापमान में गिरावट आई और बिजली की मांग तुलनात्मक रुप से कमजोर रही।
बिजली की सप्लाई में सुधार, कीमतें घटीं
कंपनी ने बताया कि कोयले की पर्याप्त सप्लाई, हाइड्रो और विंड ऊर्जा की उपलब्धता के कारण बाजार में बिजली की सप्लाई बढ़ी और कीमतों में गिरावट आई। डे-अहेड मार्केट (DAM) सेगमेंट के सप्लाई में 45.2% की सालाना बढ़त देखी गई। डे-अहेड मार्केट (DAM) में बिजली की औसत कीमत 4.41 रुपये प्रति यूनिट रही, जो सालाना आधार पर 16% कम है। वहीं रियल-टाइम मार्केट (RTM) में औसत कीमत 3.91 रुपये प्रति यूनिट रही, जिसमें 20% की गिरावट देखी गई।
गैस बाजार में भी रिकॉर्ड ट्रेडिंग
IEX की गैस यूनिट इंडियन गैस एक्सचेंज (IGX) ने इस तिमाही में रिकॉर्ड 24.6 मिलियन MMBtu गैस का व्यापार किया, जो पिछले साल की इसी तिमाही के मुकाबले 109% की बढ़त है। यह ग्रोथ खास तौर से से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMCs) और सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों की मांग से प्रेरित रही।
इससे पहले IEX के शेयरों में आज भारी गिरावट देखी गई। कंपनी के शेयर 29.5% टूटकर 132.45 रुपये के भाव पर बंद हुए। यह गिरावट सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (CERC) की उस मंजूरी के बाद आई, जिसमें डे-अहेड मार्केट (DAM) को अन्य पावर एक्सचेंजों के साथ कपल करने (coupling) की योजना को हरी झंडी दी गई।
इस नए सिस्टम के पहले चरण में, जनवरी 2026 तक सभी एक्सचेंज मार्केट कपलिंग ऑपरेटर (MCO) की भूमिका रोटेशन में निभाएंगे। इससे बाजार में कॉम्पिटीशन बढ़ेगा और IEX की मौजूदा स्थिति पर असर पड़ सकता है।
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