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फाइनेंशिल सेक्टर में महिलाओं का बढ़ता दबदबा , भारतीय महिला फंड मैनेजरों की एयूएम एक साल में दोगुनी हुई

International Women's Day: हालांकि महिला फंड मैनेजरों की संख्या बढ़कर 49 हो गई है,लेकिन अंतर अभी भी बहुत बड़ा है। जनवरी के अंत में भारत में कुल 433 पुरुष फंड मैनेजर थे। महिला मैनेजर या को-फंड मैनेजर अब भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के कुल असेट्स का लगभग 20 फीसदी या 13.45 लाख करोड़ रुपये संभालती हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Mar 08, 2025 पर 1:23 PM
फाइनेंशिल सेक्टर में महिलाओं का बढ़ता दबदबा , भारतीय महिला फंड मैनेजरों की एयूएम एक साल में दोगुनी हुई
एसबीआई एमएफ की मानसी सजेजा भारत की टॉप महिला फंड मैनेजर हैं । 1.41 लाख करोड़ रुपये के असेट संभाल रही हैं। इसके बाद निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड की किंजल देसाई और एक्सिस म्यूचुअल फंड की कृष्णा एन का नाम आता है

International Women’s Day: जनवरी के अंत तक महिला फंड मैनेजरों द्वारा प्रबंधित परिसंपत्तियां दोगुनी होकर 13.45 लाख करोड़ रुपये हो गईं। जबकि इनकी संख्या पिछले साल के 42 से बढ़कर 49 हो गई है। ताजे आंकड़ों से पता चलता है कि महिलाओं द्वारा मैनेज या को-मैनेज किए जाने वाले असेट्स में बढ़त हो रही है। लेकिन इस पूरी इंडस्ट्री में उनकी हिस्सेदारी अभी भी काफी कम है। हालांकि, अच्छी बात यह है कि पिछले दो सालों के ठहराव के बाद महिला मैनेजरों की संख्या में बढ़त हुई है।

महिला मैनेजर या को-फंड मैनेजर अब भारतीय म्यूचुअल फंड (MF) इंडस्ट्रि के कुल असेट्स का लगभग 20 फीसदी या 13.45 लाख करोड़ रुपये संभालती हैं। जनवरी 2025 के अंत तक कुल म्यूचुअल फंड असेट पिछले वर्ष की तुलना में 27.52 फीसदी बढ़कर 67.25 लाख करोड़ रुपये हो गई है।

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया की 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, 31 जनवरी, 2024 तक महिला फंड मैनेजरों द्वारा मैनेज्ड या को-मैनेज्ड कुल ओपन और क्लोज्ड-एंड असेट लगभग 6.66 लाख करोड़ रुपये या कुल म्यूचुअल फंड असेट का 12.63 फीसदी थी। ACE MF के पास उपलब्ध नवीनतम डेटा से पता चलता है कि कुल फंड मैनेजरों की संख्या पिछले साल के 473 से बढ़कर 482 हो गई है। जनवरी 2025 के अंत में भारत में 433 पुरुष फंड मैनेजर थे, जो एक साल पहले की अवधि से दो अधिक है।

इसके साथ ही महिला फंड मैनेजरों का प्रतिशत भी सालाना आधार पर 8.88 प्रतिशत से बढ़कर 10.17 प्रतिशत हो गया है। खास बात यह है कि महिलाओं द्वारा मैनेज किए जाने वाले असेट में ये बढ़त दो बड़े नामों, निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड की अंजू छाजेड़ और एसबीआई म्यूचुअल फंड की सोहिनी अंडानी के पिछले साल इंडस्ट्री छोड़ने के बावजूद हुई है।

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