पैसिव फंड्स Jio Financial Services की लिस्टिंग के तीन दिन बाद इसके करीब 15 करोड़ शेयर बेच सकते हैं। Nuvama Alternative & Quantitative Research ने यह कैलकुलेशन किया है। 20 जुलाई को स्टॉक एक्सचेंजों की तरफ से आयोजित स्पेशल प्री-ओपन सेशन में जियो फाइनेंशियल के स्टॉक का डिस्कवर्ड प्राइस 261.85 रुपये था, जबकि RIL का शेयर 2,589 रुपये पर सेटल हुआ। एक्सचेंजों ने बताया है कि JFS का शेयर इंडेक्स में तब तक बना रहेगा, जब तक RIL की तरफ से इसकी लिस्टिंग तारीख का ऐलान नहीं हो जाता है। इस दौरान जेएफएस के शेयर का प्राइस स्थिर बना रहेगा। लिस्टिंग के तीन दिन बाद शेयर को इंडेक्स से बाहर कर दिया जाएगा।
नुवामा अल्टरनेटिव के हेड अभिलाष पगाड़िया ने कहा, "261.8 रुपये प्रति शेयर के भाव पर निफ्टी 50 इंडेक्स को ट्रैक करने वाले पैसिव फंड्स जेएफएस के करीब 9 करोड़ शेयर बेच सकते हैं। इसकी कीमत करीब 29 करोड़ डॉलर होगी। साथ ही सेंसेक्स को ट्रैक करने वाले पैसिव फंड्स 5.5 करोड़ शेयर बेच सकते हैं। इसकी कीमत करीब 17.5 करोड़ डॉलर होगी। करेंट फ्री फ्लोट पर इसका निफ्टी 50 में 1 फीसदी से कम और सेंसेक्स में करीब 1 फीसदी वेटेज का अनुमान लगाया गया है।"
यह नुवामा का सिर्फ एक अनुमान है क्योंकि सूचकांक में दूसरे शेयरों की कीमतों में बदलाव के साथ जेएफएस के वेटेज में बदलाव हो सकता है। लिस्टिंग के तीन दिन बाद जेएफएस सूचकांकों से बाहर हो जाएगा। उसके बाद इंडेक्स फंड्स इसके वेटेज को दूसरे शेयरों में डिस्ट्रिब्यूट करेंगे। इसके चलते उस दिन जेएफएस के शेयरों में थोड़ा उतार-चढ़ाव होगा, जबकि निफ्टी 50 के कुछ दूसरे शेयरों में निवेश देखने को मिलेगा।
इस बीच निफ्टी 50 में RIL का वेट 19 जुलाई के 11 फीसदी के मुकाबले करीब 10.1 फीसदी हो जाएगा। Sensex में यह डीमर्जर से पहले के 12.8 फीसदी से घटकर करीब 11.8 फीसदी पर आ जाएगा। चूंकि, जेएफएस को रिलायंस इंडस्ट्रीज से अलग कर बनाया जा रहा है, जिससे नुवामा को लिस्टिंग प्रोसेस फास्ट होने की उम्मीद है। पगाड़िया ने कहा कि इस बात की ज्यादा संभावना है कि जेएफएस एक महीना के अंदर लिस्ट हो जाएगी। हाल के ऐसे मामलों में Piramal Pharma डीमर्ज होने के बाद 45 दिन बाद लिस्ट हुई थी। यह पिरामल एंटरप्राइजेज से अलग हुई थी। NMDC स्टील डीमर्ज होने के 4 महीने बाद लिस्ट हुई थी।