नवंबर महीने में भारत में उत्पादन गतिविधियां पिछले 10 महीने में सबसे तेज गति से बढ़ी हैं। मांग में आती मजबूती और बाजार स्थितियों में सुधार के चलते कंपनियों ने अपनी इनपुट बाइंग में बढ़ोतरी की है। जिसके चलते PMI इंडेक्स में जोरदार बढ़त देखने को मिली है।
IHS Markit द्वारा जारी आंकड़ो से पता चलता है कि नवंबर महीने में पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) अक्टूबर के 55.9 से बढ़कर नवंबर में 57.6 पर पहुंच गया है। बता दें कि 50 से ऊपर का PMI आंकड़ा इस बात का संकेत होता है कि किसी इकोनॉमी में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आ रही है। वहीं अगर PMI इंडेक्स 50 से नीचे होता है तो वह इकोनॉमी गतिविधियों में गिरावट का संकेत होता है।
गौरतलब है कि मार्च महीने में कोरोना के दूसरी लहर ने देश में इकोनॉमी गतिविधियों को गहरा आघात लगाया था। IHS Markit के आंकड़ो से पता चलता है कि बिक्री में आई बढ़ोतरी का मुख्य आधार घरेलू बाजार ही था। क्योंकि नवंबर महीने में नए एक्सपोर्ट आंकड़े अक्टूबर महीने की तुलना में कमजोर रहे थे। इन आंकड़ों से यह पता चलता है कि मांग में बढ़ोतरी से उत्साहित होकर नवंबर महीने में कंपनियों ने अपना उत्पादन बढ़ाया है। जिसके चलते कंपनियों के आउटपुट में पिछले 9 महीने में सबसे तेज बढ़त देखने को मिली है।
नवंबर महीने में PMI आंकड़ों में आया विस्तार अपने लॉन्ग टर्म एवरेज से भी ज्यादा रहा है। गौरतलब है कि इकोनॉमी के लिए दूसरे मोर्चों से भी अच्छी खबर आ रही है। कल देश के GDP आंकड़े भी आए थे जिसके मुताबिक जुलाई से सिंतबर के बीच भारत का ग्रॉस डोमेस्किट प्रोडक्शन 8.4% पर रहा है। पिछले साल इसी तिमाही में ये माइनस 7.4% थी जबकि पिछली तिमाही में ये 20% से ज्यादा थी। साल दर साल में एग्री ग्रोथ 3% से बढ़कर 4.5%, मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ -1.5% से बढ़कर 5.5%, कंस्ट्रक्शन ग्रोथ -7.2% से बढ़कर 7.5% तो इलेक्ट्रिसिटी ग्रोथ 2.3% से बढ़कर 8.9% पर पहुंच गई है। ट्रेड, होटल, ट्रांसपोर्ट -16.1% से बढ़कर 8.2% पर पहुंच गई है।