दीपक जसानी
दीपक जसानी
India VIX के अपने सबसे निचले स्तर के करीब पहुंच गया है। इसे इंडिया वोलेटिलिटी इंडेंक्स भी कहा जाता है। यह अगले 30 दिनों में निफ्टी में उतार-चढ़ाव को लेकर ट्रेडर्स की उम्मीदों के बारे में बताया है। इसे Fear Index भी कहा जाता है, क्योंकि इसके हाई होने पर मार्केट को लेकर डर बढ़ जाता है। इसके लो लेवल पर होने का मतलब है कि मार्केट में कॉन्फिडेंस का लेवल हाई है। इसके पिछले कई सालों में सबसे निचले स्तर पर होना बुल्स के लिए अच्छी खबर है। इसके और निफ्टी के बीच विपरीत संबंध है। आम तौर पर यह माना जाता है कि अगर VIX लो है तो मार्केट में गिरावट का रिस्क कम है।
इंडिया वीआईएक्स अभी 11 से थोड़ा ऊपर है, जो इसके हिस्टोरिकल लो लेवल के करीब है। ऐसा लगता है कि आगे कई बड़े इवेंट्स हैं। ऐसे में शॉर्ट टर्म में मार्केट में बड़ी गिरावट का ज्यादा रिस्क नहीं दिख रहा है। रूस-यूक्रेन लड़ाई, अमेरिका में इनफ्लेशन, रेट में वृद्धि आदि का मार्केट पर असर पहले ही पड़ चुका है। इंडियन मार्केट स्टेबल दिख रहा है। शॉर्ट टर्म में इसकी दिशा के बारे में अंदाजा लगाना मुमकिन है। अगर आईटी कंपनियों को छोड़ दिया जाए तो अब तक आए कंपनियों के नतीजे अच्छे रहे हैं। इससे मीडियम से लॉन्ग टर्म में शेयरों में निवेश बढ़ाने का भरोसा इनवेस्टर्स में दिख रहा है।
शेयरों में तेज उतार-चढ़ाव और इंटरेस्ट रेट्स बढ़ने के बाद फिक्स्ड इनकम का अट्रैक्शन बढ़ने से हाल में इंडिविजुअल इनवेस्टर्स स्टॉक मार्केट से दूरी बनाते दिखे हैं। मार्च 2023 तक इंटरेस्ट रेट को लेकर अनिश्चितता और अमेरिका और यूरोप में मंदी की आशंका की वजह से पैसा बनाना मुश्किल था। अक्टूबर 2021 के बाद से इंडियन मार्केट सुस्त पड़ा हुआ है। इसने इस दौरान रिटेल इनवेस्टर्स और ट्रेडर्स को मुनाफा नहीं दिए हैं। फरवरी में अदाणी समूह के शेयरों की बहुत पिटाई की वजह ट्रेडर्स और इनवेस्टर्स स्टॉक मार्केट को लेकर अपने प्लान से पीछे हट गए हैं।
हालांकि, अप्रैल 2023 से इंडियन मार्केट में तेज रिकवरी आई है। इससे ज्यादातर रिटेल निवेशकों को मौका चूक जाने (FOMO) का अफसोस हो रहा है। अभी इनवेस्टर्स के मन में बड़ा सवाल यह चल रहा है कि क्या यह तेजी लंबी अवधि में जारी रहने वाली है या सिर्फ एक पुलबैक है। हाई इनफ्लेशन और ज्यादा इंटरेस्ट रेट्स को देखते हुए ज्यादातर इनवेस्टर्स को तेजी के इस ट्रेंड के जारी रहने को लेकर संदेह हो सकता है। इनवेस्टर्स इंटरेस्ट रेट्स के ट्रेंड के पलटने का इंतजार कर रहे हैं।
आज की दुनिया में हर इनवेस्टर और ट्रेडर्स स्टॉक ट्रेडिंग और इनवेस्टमेंट एक्टिविटी को जितना ज्यादा संभव हो आसान बनाना चाहता है। यह जानने के बाद कि शेयरों की कीमतों में उतार-चढ़ाव का असर उनके प्रदर्शन पर पड़ता है, इनवेस्टर्स शेयरों की कीमतों का अंदाजा लगाने के लिए VIX का इस्तेमाल कर सकते हैं और उसके हिसाब से अपनी ट्रेडिंग की टेक्निक तय कर सकते हैं।
इंडिया वीआईएक्स को कंट्रारेरियन इंडिकेटर भी माना जाता है। जब यह उतार-चढ़ाव बढ़ने का संकेत देता है तो इनवेस्टर्स अपने हेज को बढ़ा सकते हैं। वे दोनों स्थितियों में मार्केट का फायदा उठाने के लिए पुट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऑप्शंस ट्रेंडर्स लॉन्ग स्ट्रैडल या लॉन्ग स्ट्रैंगल जैसी स्ट्रेटेजी का इस्तेमाल कर सकते हैं, क्योंकि VIX के लो लेवल की वजह से ऑप्शंस बहुत सस्ते लेवल पर उपलब्ध हैं।
(दीपक जसानी एचडीएफसी सिक्योरिटीज में रिटेल रिसर्च के हेड हैं)
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