अमेरिका में First Republic Bank भी डूबने के करीब, रेगुलेटर अपने कब्जे में लेगा

एक हफ्ते में फर्स्ट रिपब्लिक के शेयरों में बहुत ज्यादा गिरावट आई है। दरअसल, बैंक ने सोमवार को तिमाही नतीजों का ऐलान किया था। इससे पहली तिमाही में उसके डिपॉजिट में 100 अरब डॉलर की कमी का पता चला था। उसके बाद से इसके शेयर गिरने लगे

अपडेटेड Apr 29, 2023 पर 9:36 AM
Story continues below Advertisement
अमेरिका में बैंकिंग क्राइसिस का पहला शिकार सिलिकॉन वैली बैंक बना। उसके बाद सिग्नेचर बैंक का नंबर आया। क्रेडिट स्विस को रेगुलेटर्स के हस्तक्षेप के बाद डूबने से बचा लिया गया।

अमेरिका में First Republic Bank के रेगुलेटर के नियंत्रण में जाने के आसार दिख रहे हैं। मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने इस बारे में बताया। इसके मुताबिक, यूएस फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (FDIC) जल्द फर्स्ट रिपब्लिक को अपने रिसिवरशिप के तहत लेने की तैयारी में है। इस बैंक की हालत बहुत खराब हो गई है। डिपॉजिटर्स ने बहुत ज्यादा पैसे इस बैंक से निकाल लिए हैं। इससे बैंक का वजूद खतरे में पड़ गया है। यह बैंक अमेरिकी बैंकिंग क्राइसिस का नया शिकार बना है।

बैंकिंग रेगुलेटर ने लिया बड़ा फैसला

इस मसले की जानकारी रखने वाले सूत्र ने बताया कि अमेरिकी बैंकिंग रेगुलेटर ने इस बैंक को अपने कब्जे में लेने का फैसला किया है। फर्स्ट रिपब्लिक की स्थिति बहुत खराब हो चुकी है। दूसरे प्राइवेट बैंकों के इसे बचा लेने के लिए अब पर्याप्त समय नहीं बचा है। सूत्र ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर यह जानकारी दी। इस बारे में पूछने पर First Republic और FDIC के प्रतिनिधियों से तुरंत कोई जवाब नहीं मिला।


यह भी पढ़ें : Mankind Pharma IPO : लिस्टिंग डेट, एलॉटमेंट से लेकर ग्रे मार्केट प्रीमियम तक के बारे में यहां जानिए

शेयरों में तेज गिरावट

First Republic Bank के शेयर की कीमत बहुत ज्यादा गिर जाने पर इसमें ट्रेडिंग रोक दी गई। रेगुलेटर्स के इसे अपने कब्जे में लेने की चर्चा की वजह से शेयरों पर दबाव बढ़ा। सूत्रों के मुताबिक, फर्स्ट रिपब्लिक ने यह माना है कि कई विकल्पों के बारे में कई पक्षों के साथ उसकी बातचीत चल रही है।

क्यों बिगड़ी बैंक की सेहत?

इस हफ्ते की शुरुआत में फर्स्ट रिपब्लिक ने कहा था कि पहली तिमाही में उसके डिपॉजिट में 100 अरब डॉलर की कमी आई है। इस हफ्ते सोमवार को फर्स्ट रिपब्लिक ने पहली तिमाही के नतीजों का ऐलान किया। इसके बाद इस बैंक को लेकर संकट गहराने लगा। इसके शेयरों में तेज गिरावट शुरू हो गई। इस साल 9 मार्च के बाद इसके डिपॉजिट में करीब 70 अरब डॉलर की कमी आई है।

क्या है अमेरिकी बैंकिंग क्राइसिस?

Silicon Valley Bank के डूबने से पहले 9 मार्च को फर्स्ट रिपब्लिक का डिपॉजिट 173 अरब डॉलर था। यह 21 अप्रैल को घटकर 102.7 अरब डॉलर रह गया। मार्च तिमाही में इसके डिपॉजिट में 100 अरब डॉलर से ज्यादा कमी आई है। इस वजह से बैंक की सेहत को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए।

डिपॉजिटर्स क्यों निकाल रहे पैसे?

अमेरिका में बैंकिंग क्राइसिस का पहला शिकार सिलिकॉन वैली बैंक बना। उसके बाद सिग्नेचर बैंक का नंबर आया। क्रेडिट स्विस को रेगुलेटर्स के हस्तक्षेप के बाद डूबने से बचा लिया गया। UBS इसे खरीदने के लिए आगे आया। एक्सपर्ट्स बता चुके हैं कि अमेरिकी में बैंकिंग क्राइसिस अभी खत्म नहीं हुई है। डिपॉजिटर्स का भरोसा बैंकों पर नहीं रह गया है। इसीलिए वे छोटे बैंकों से अपने पैसे निकाल रहे हैं। छोटे बैंकों से डिपॉजिटर्स के पैसे निकालकर बड़े बैंकों में रखने का ट्रेंड दिखा है।

Rakesh Ranjan

Rakesh Ranjan

First Published: Apr 29, 2023 9:10 AM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।