Japan Earthquake: उत्तरी जापान के तट पर रविवार (9 नवंबर) को एक बार फिर शक्तिशाली भूकंप आया। इससे बाद सुनामी की चेतावनी जारी की गई है। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (JMA) ने कहा कि भूकंप की तीव्रता 6.8 मापी गई। भूकंप का केंद्र इवाते प्रांत के तट पर समुद्र की सतह से 30 किलोमीटर की गहराई में स्थित था। एजेंसी ने उत्तरी तटीय क्षेत्र में समुद्र में एक मीटर तक सुनामी की लहरें उठने की चेतावनी जारी की है।
न्यूज एजेंसी AFP ने जापान मौसम विज्ञान एजेंसी के हवाले से बताया कि भूकंप शाम लगभग 5:03 बजे (स्थानीय समयानुसार) इवाते के तटवर्ती जलक्षेत्र में आया। इसके बाद एक मीटर (तीन फीट) ऊंची संभावित सुनामी की चेतावनी जारी की गई। जापान के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया कि भूकंप का केंद्र उत्तरी प्रशांत महासागर में 30 किलोमीटर की गहराई में था।
एएफपी ने जापान मौसम विज्ञान एजेंसी के एक बुलेटिन का हवाला देते हुए इवाते तट के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की है। साथ ही चेतावनी दी गई है कि लहरें किसी भी समय आ सकती हैं। इस बीच, जापानी मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सुनामी की लहरें देखी गई हैं। लोगों से तटीय क्षेत्रों के पास न जाने का आग्रह किया गया है।
यह क्षेत्र अभी भी 2011 के समुद्र के नीचे आए भूकंप से ग्रस्त है। इसकी तीव्रता 9.0 मापी गई थी। इसने सुनामी को जन्म दिया था जिसमें लगभग 18,500 लोग मारे गए या लापता हो गए थे। इसी आपदा के कारण फुकुशिमा परमाणु प्लांट के तीन रिएक्टर भी पिघल गए। यह जापान में युद्ध के बाद की सबसे भीषण आपदा और चेरनोबिल के बाद दुनिया की सबसे भीषण परमाणु दुर्घटना थी।
जापान प्रशांत "रिंग ऑफ फायर" के पश्चिमी किनारे पर चार प्रमुख टेक्टोनिक प्लेटों के ऊपर स्थित है। यह दुनिया के सबसे अधिक टेक्टोनिक रूप से एक्टिव देशों में से एक है। द्वीपसमूह राष्ट्र में हर साल लगभग 1,500 भूकंप आते हैं। इनमें से अधिकांश हल्के होते हैं। रविवार को कुछ देर के लिए लोगों को 2011 में आई प्रलय याद आ गई। जब भूकंप के परिणामस्वरूप हजारों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।
हालांकि आज के भूकंप में जानमाल की क्षति को लेकर ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है। जापान से अक्सर भूकंप की खबरें सामने आती है। भूकंप के बाद यहां सुनामी का भी खतरा बना रहता है। जापान में अब तक का सबसे विनाशकारी भूकंप 11 मार्च 2011 को आया। उसने खूब तबाही मचाई थी। जापान के तोहोकू (पूर्वी जापान) में 9.0-9.1 तीव्रता वाले भूकंप के आधे घंटे बाद समुद्र में 40 मीटर से भी ज्यादा ऊंची सुनामी उठी। इसकी वजह से जापान को बड़ी तबाही का सामना करना पड़ा था।
इस प्राकृतिक आपदा में 18,000 से ज्यादा लोग मारे गए और लापता हो गए। साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर का काफी नुकसान हुआ था। 2011 में आए इस भूकंप का असर जापान के फुकुशिमा परमाणु प्लांटों पर भी देखने को मिला था। भूकंप की वजह से फुकुशिमा पावर प्लांट में रिसाव होने लगा। यह घटना जापान के इतिहास की सबसे विनाशकारी प्राकृतिक आपदाओं में से एक मानी जाती है।