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इंडियन मार्केट में 2 अप्रैल के बाद सबसे तेज रिकवरी, क्या अमेरिकी बाजारों के बुरे दिन शुरू होने जा रहे हैं?

Citigroup ने इस साल अमेरिकी मार्केट्स के प्रमुख सूचकांक S&P500 के लिए टारगेट घटा दिया है। उसका मानना है कि टैरिफ से अनिश्चितता का जो माहौल बना है, उसका असर अमेरिकी कंपनियों के प्रॉफिट पर पड़ेगा। दूसरे बड़े बैंकों ने भी ऐसा किया है

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 18, 2025 पर 5:27 PM
इंडियन मार्केट में 2 अप्रैल के बाद सबसे तेज रिकवरी, क्या अमेरिकी बाजारों के बुरे दिन शुरू होने जा रहे हैं?
सिटीग्रुप ने टारगेट 6,500 से घटाकर 5,800 किया है। उसने इसके अर्निंग्स प्रति शेयर (EPS) के अनुमान को भी 270 डॉलर से घटाकर 255 डॉलर किया है।

अमेरिकी टैरिफ को लेकर अनिश्चितता के बावजूद इंडियन स्टॉक मार्केट्स में स्ट्रॉन्ग रिकवरी देखने को मिली। इंडियन मार्केट्स में 2 अप्रैल को अमेरिकी टैरिफ लागू होने के बाद आई गिरावट ज्यादातर गिरावट की भरपाई हो गई है। 2 अप्रैल को दुनियाभर के स्टॉक मार्केट्स में बड़ी गिरावट आई थी। दुनिया के दूसरे खासकर अमेरिकी मार्केट्स के मुकाबले इंडियन मार्केट्स में तेज रिकवरी आई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मानना है कि अमेरिकी टैरिफ से अमेरिकी मार्केट्स को फायदा होगा। सवाल है कि क्या सच में ऐसा है?

बड़े बैंकों को अमेरिकी मार्केट्स में गिरावट की आशंका

Citigroup ने इस साल अमेरिकी मार्केट्स के प्रमुख सूचकांक S&P500 के लिए टारगेट घटा दिया है। उसका मानना है कि टैरिफ से अनिश्चितता का जो माहौल बना है, उसका असर अमेरिकी कंपनियों के प्रॉफिट पर पड़ेगा। अमेरिकी स्टॉक मार्केट्स के प्रमुख सूचकांक का टारगेट सिर्फ सिटीग्रुप ने नहीं घटाया है। Goldman Sachs और Bank of America ने भी एसएंडपी500 के टारगेट को घटाकर 6000 से नीचे कर दिया है। सिटीग्रुप ने टारगेट 6,500 से घटाकर 5,800 किया है। उसने इसके अर्निंग्स प्रति शेयर (EPS) के अनुमान को भी 270 डॉलर से घटाकर 255 डॉलर किया है।

टैरिफ की वजह से अनिश्चितता की स्थिति

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