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Indian Phosphate IPO Listing: धांसू एंट्री के बाद मुनाफावसूली, 90% प्रीमियम पर लिस्ट होकर शेयर आए लोअर सर्किट पर

Indian Phosphate IPO Listing: इंडियन फॉस्फेट वॉशिंग पाउडर, केक, टायलेट क्लीनर और लिक्विड डिटर्जेंट बनाने में इस्तेमाल होने वाला एनॉयनिक सर्फेक्टैंट बनाती है। इसके अलावा यह खाद से जुड़े केमिकल भी तैयार करती है। इसके आईपीओ को निवेशकों का अच्छा रिस्पांस मिला था। आईपीओ के तहत सिर्फ नए शेयर जारी हुए हैं। चेक करें कंपनी की कारोबार सेहत कैसी है और आईपीओ के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी कैसे करेगी?

अपडेटेड Sep 03, 2024 पर 4:29 PM
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Indian Phosphate IPO Listing: इंडियन फॉस्फेट का ₹67.36 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 26-29 अगस्त तक खुला था। आज इसके शेयरों की लिस्टिंग हुई है।

Indian Phosphate IPO Listing: इंडियन फॉस्फेट के शेयरों की आज NSE के SME प्लेटफॉर्म पर धांसू एंट्री हुई। इसके आईपीओ को ओवरऑल 267 गुना से अधिक बोली मिली थी। आईपीओ के तहत 99 रुपये के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज NSE SME पर इसकी 188.10 रुपये पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को 90 फीसदी का लिस्टिंग गेन (Indian Phosphate Listing Gain) मिला। हालांकि आईपीओ निवेशकों की खुशी थोड़ी ही देर में फीकी हो गई जब शेयर टूट गए। टूटकर यह 178.70 रुपये (Indian Phosphate Share Price) के लोअर सर्किट  पर आ गया और इसी पर बंद भी हुआ यानी कि पहले कारोबारी दिन की समाप्ति पर आईपीओ निवेशक 80.50 फीसदी मुनाफे में हैं।

Indian Phosphate IPO को मिला था तगड़ा रिस्पांस

इंडियन फॉस्फेट का ₹67.36 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 26-29 अगस्त तक खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का जबरदस्त रिस्पांस मिला था और ओवरऑल यह 267.89 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 181.58 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 441.01 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 243.02 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 68.04 लाख नए शेयर जारी हुए हैं। इन शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी नई मैनुफैक्चरिंग फैसिलिटी सेटअप करने, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।


Indian Phosphate के बारे में

वर्ष 1998 में बनी इंडियन फॉस्फेट वॉशिंग पाउडर, केक, टायलेट क्लीनर और लिक्विड डिटर्जेंट बनाने में इस्तेमाल होने वाला एनॉयनिक सर्फेक्टैंट बनाती है। इसके अलावा यह खाद से जुड़े केमिकल भी तैयार करती है। इसका कारोबार पंजाब, बिहार, गुजरात, हरियाणा, एमपी, महाराष्ट्र, यूपी, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड में फैला हुआ है।

कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2021 में इसे 5.09 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2022 में उछलकर 16.16 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2023 में 16.59 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। हालांकि अगले वित्त वर्ष 2024 में मुनाफा थोड़ा कम हुआ और यह 12.10 करोड़ रुपये पर आ गया। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू सालाना 20 फीसदी से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर 717.58 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी पर कर्ज तो 4.34 करोड़ रुपये से उछलकर 40.23 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

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