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Indo pak conflict : बॉर्डर पर बमबारी, इन कंपनियों के बिजनेस पर पड़ सकती है भारी

India-Pakistan conflict : CLSA की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर लंबे समय तक युद्ध की स्थिति बनी रहती है तो पावर ग्रिड की जम्मू-कश्मीर स्थित 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर की एचवीडीसी लाइन जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में होने वाले कैपेक्स में देरी हो सकती है

अपडेटेड May 09, 2025 पर 8:23 PM
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CLSA की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर लंबे समय तक युद्ध की स्थिति बनी रहती है तो पावर ग्रिड की जम्मू-कश्मीर स्थित 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर की एचवीडीसी लाइन जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में होने वाले कैपेक्स में देरी हो सकती है

भारत के सीमावर्ती इलाकों में कई रणनीतिक इकोनॉमिक एसेट हैं। भारत-पाक तनाव का इन रणनीतिक एसेट पर क्या असर पड़ेगा, इस पर CLSA ने एक रिपोर्ट निकाली है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष बढ़ता है और हमलों की तीव्रता और मात्रा बढ़ती है तो सीमा के निकट स्थित तमाम कंपनियों के असेट को नुकसान हो सकता है। पाकिस्तान की सीमा से लगे गुजरात, राजस्थान, पंजाब और जम्मू-कश्मीर राज्यों के विभिन्न क्षेत्रों में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कई बड़े इकोनॉमिक असेट हैं।

सीमावर्ती राज्यों में बड़े पैमाने पर निवेश करने वाली कंपनियों में अडानी पोर्ट्स (Adani Ports), रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries), पावर ग्रिड (Power Grid), एनएचपीसी (NHPC), श्री सीमेंट (Shree Cement), टाटा केमिकल्स (Tata Chemicals) और वेदांता (Vedanta) शामिल हैं। अडानी पोर्ट्स के पावर और न्यू एनर्जी साइट्स सीमावर्ती इलाकों में ही हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज की रिफाइनरी और न्यू एनर्जी साइट्स भी सीमावर्ती इलाकों में ही हैं। पावर ग्रिड के बड़े सब-स्टेशन भी सीमावर्ती इलाके में ही है। इसी तरह एनएचपीसी के हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट की युद्ध के नजरिए से संवेदनशील इलाकों में हैं। श्री सीमेंट,टाटा केमिकल्स और वेदांता की औद्योगिक इकाइयां भी संवेदनशील इलाकों में हैं।

CLSA की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर लंबे समय तक युद्ध की स्थिति बनी रहती है तो पावर ग्रिड की जम्मू-कश्मीर स्थित 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर की एचवीडीसी लाइन जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में होने वाले कैपेक्स में देरी हो सकती है। हालांकि इन कंपनियों ने सीमावर्ती राज्यों में किए जाने वाले अपने अधिकांश निवेश का बीमा करा रखा है। यहां तक ​​कि एनएचपीसी जैसी कंपनियों ने लॉस ऑफ प्रॉफिट पॉलिसियां ​​भी ले रखी हैं। इसके चलते युद्ध से हुए किसी नुकसान की काफी हद तक भरपाई हो सकती है।


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भारतीय इंफ्रा कंपनियों पर CLSA

CLSA ने NTPC के लिए 459 रुपए का टारगेट दिया है। ब्रोकरेज की राय है कि इस स्टॉक में यहां से 34 फीसदी की तेजी संभव है। CLSA ने NHPC के लिए 117 रुपए का टारगेट दिया है। ब्रोकरेज की राय है कि इस स्टॉक में यहां से 40 फीसदी की तेजी संभव है। CLSA ने अदानी पोर्ट्स के लिए 1764 रुपए का टारगेट दिया है। ब्रोकरेज की राय है कि इस स्टॉक में यहां से 32 फीसदी की तेजी संभव है। CLSA ने पावर ग्रिड के लिए 342 रुपए का टारगेट दिया है। ब्रोकरेज की राय है कि इस स्टॉक में यहां से 10 फीसदी की तेजी संभव है।

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Sudhanshu Dubey

Sudhanshu Dubey

First Published: May 09, 2025 8:23 PM

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