IndusInd Bank Next CEO: कौन बनेगा बैंक का अगला सीईओ, इस डेडलाइन तक RBI को भेज दिया जाएगा नाम

IndusInd Bank Next CEO: अकाउंटिंग की गड़बड़ियों से जूझ रहे इंडसइंड बैंक का अगला सीईओ और एमडी कौन बनेगा, इसे लेकर जल्द ही फैसला हो सकता है। बैंक ने इसे लेकर कहा कि केंद्रीय बैंक आरबीआई को अपनी सिफारिशें भेजने के लिए जो डेडलाइन है, उससे पहले भेजने की प्रक्रिया एडवांस स्टेज में पहुंच चुकी है

अपडेटेड May 22, 2025 पर 7:42 AM
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IndusInd Bank को डेरिवेटिव अकाउंटिंग मामले और माइक्रोफाइनेंस लोन बुक में दबाव के चलते करीब 20 साल बाद किसी तिमाही में घाटा झेलना पड़ा।

IndusInd Bank Next CEO: प्राइवेट सेक्टर लेंडर इंडसइंड बैंक के अगले सीईओ और एमडी के चुनाव की प्रक्रिया एडवांस स्टेज में है। बैंक ने मार्च तिमाही के अर्निंग्स कॉल के दौरान बुधवार 21 मई को कहा कि केंद्रीय बैंक आरबीआई को इसके लिए सिफारिशें डेडलाइन से पहले भेज दी जाएगी। आरबीआई के पास बैंक के अगले सीईओ और एमडी के लिए सिफारिश भेजने की डेडलाइ 30 जून है। बैंक ने कहा कि बोर्ड को डेडलाइन से पहले ही आरबीआई को सिफारिशें सौंप देने का भरोसा है जिससे मैनेजमेंट की निरंतरता और स्थिरता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

अभी किसके हाथ में है IndusInd Bank की कमान?

बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो ट्रांजैक्शंस में गड़बड़ियों को लेकर बैंक के सीईओ सुमंत कठपालिया (Sumant Kathpalia) ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद आरबीआई ने बैंक को नए सीईओ की नियुक्ति का प्रस्ताव 30 जून 2025 तक दाखिल करने को कहा था। जब तक नए सीईओ की नियुक्ति नहीं हो जाती है, तब तक व्यक्तिगत रूप से 30 से अधिक वर्षों के अनुभव वाले कार्यकारी अधिकारियों की एक समिति (कमेटी ऑफ एग्जीक्यूटिव्स-CoE) हर दिन के बैंकिंग कामकाज को देख रही है और इनके काम की निगरानी बोर्ड की एक निगरानी समिति कर रही है।


कैसी है कारोबारी सेहत?

इंडसइंड बैंक को डेरिवेटिव अकाउंटिंग मामले और माइक्रोफाइनेंस लोन बुक में दबाव के चलते करीब 20 साल बाद किसी तिमाही में घाटा झेलना पड़ा। मार्च 2025 तिमाही में बैंक को कंसालिडेटेड बेसिस पर 2328.87 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ है। इससे पहले बैंक को वित्त वर्ष 2006 की चौथी तिमाही यानि जनवरी-मार्च 2007 में और उससे पहले मार्च 2001 तिमाही में घाटा हुआ था। मार्च 2024 तिमाही में बैंक को 2349.5 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था। एसेट क्वालिटी की बात करें तो मार्च तिमाही में ग्रॉस एनपीए 3.13 फीसदी पर पहुंच गया जबकि एक तिमाही पहले यह 2.25 फीसदी और एक साल पहले 1.92 फीसदी पर था। नेट एनपीए की बात करें तो जनवरी-मार्च 2025 में यह तिमाही आधार पर 0.68 फीसदी और सालाना आधार पर 0.57 फीसदी से बढ़कर 0.95 फीसदी पर पहुंच गया।

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