IndusInd Bank Shares: इंडसइंड बैंक के शेयरों में हाल ही में भारी गिरावट देखने को मिली है। हालांकि इसके बावजूद ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म CLSA ने इस शेयर पर अपनी 'ओवरवेट' की रेटिंग बरकरार रखी है। हालांकि उसके बैंक के शेयरों का टारगेट प्राइस 1,300 रुपये से घटाकर 900 रुपये कर दिया है। यह टारगेट प्राइस इंडसइंड बैंक के शेयरों में बुधवार के बंद भाव से करीब 31 फीसदी की संभावित तेजी का अनुमान दिखाता है।
इंडसइंड बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में अनियमितताओं की जानकारी सामने आने के बाद पिछले कुछ दिनों में इसके शेयरों में भारी गिरावट आई है। सोमवार को इसका भाव एक दिन में 27 फीसदी तक गिर गया था। फिलहाल यह शेयर अपने 52-वीक हाई से करीब 60% तक गिर चुका है। CLSA ने अपनी रिपोर्ट में कहा, "पिछले कुछ दिन इंडसइंड बैंक के लिए उथल-पुथल भरे रहे हैं, खासकर बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर को तीन साल के बजाय सिर्फ एक साल का एक्सटेंशन मिलने के कारण।"
बैंक में हाल की गड़बड़ियों को देखते हुए निवेशकों को डर है कि आने वाले समय में और भी मुद्दे सामने आ सकते हैं। अगले कुछ तिमाहियों तक अनिश्चितता बनी रह सकती है, खासकर बैंक के मैनेजमेंट और लीडरशिप को लेकर। आज सुबह 9:20 बजे, IndusInd Bank के शेयर NSE पर 1.7 फीसदी की तेजी के साथ 696.3 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहे थे।
सीईओ को सिर्फ एक साल का एक्सटेंशन
IndusInd Bank के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर सुमंत कठपालिया को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से सिर्फ एक साल का कार्यकाल विस्तार मिला है, जबकि बैंक के बोर्ड ने उनके लिए तीन साल के एक्सटेंशन की सिफारिश की थी। RBI के इस फैसले पर टिप्पणी करते हुए कठपालिया ने एक एनालिस्ट कॉल में कहा, "शायद RBI मेरे लीडरशिप कौशल को लेकर असहजता है।"
CLSA ने कहा कि अगर उनका कार्यकाल खत्म होने के बाद किसी सरकारी बैंक के पूर्व अधिकारी को इंडसइंड बैंक का कमान थमाया जाता है, तो इससे निवेशकों के सेंटीमेंट पर और नकारात्मक असर पड़ सकता है।
इसके अलावा बैंक के शेयरों में आई तेज गिरावट को देखते हुए अगर लेंडर्स, प्रमोटरों के गिरवी रखे शेयरों को भुनाना शुरू करते हैं, तो इससे बैंक के शेयरों में अनिश्चितता बढ़ सकती है। हालांकि, CLSA को भरोसा है कि समय के साथ बैंक के फंडामेंटल्स सभी कारणों पर हावी हो जाएंगे।
शॉर्ट-टर्म में दिख सकते हैं 2 ट्रिगर
CLSA ने कहा कि दो प्रमुख प्वाइंट्स हैं, जो निकट भविष्य में इंडसइंड बैंक के लिए पॉजिटिव संकेत हो सकते हैं। पहला, संकटों से जूझ रहे माइक्रो-फाइनेंस सेगमेंट में सुधार। दूसरा, बैंकिंग सिस्टम में बेहतर लिक्विडिटी में सुधार और RBI की मॉनिटरी पॉलिसी में नरमी, जिससे बैंक के मार्जिन को फायदा मिलेगा।
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