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Infosys Share Buyback: क्या आपको इंफोसिस के 18,000 करोड़ रुपये के शेयर बायबैक प्रोग्राम में पार्टिसिपेट करना चाहिए?

टैक्स के नए नियमों की वजह से बायबैक इनवेस्टर्स के लिए ज्यादा अट्रैक्टिव नहीं रह गया है। सरकार ने यूनियन बजट 2024 में टैक्स के नियमों को बदला था। अब इस पर टैक्स चुकाने की जिम्मेदारी इनवेस्टर की होती है। इस वजह से ज्यादा टैक्स स्लैब में आने वाले इनवेस्टर्स को मुनाफे पर काफी ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 15, 2025 पर 5:47 PM
Infosys Share Buyback: क्या आपको इंफोसिस के 18,000 करोड़ रुपये के शेयर बायबैक प्रोग्राम में पार्टिसिपेट करना चाहिए?
इंफोसिस ने अब तक चार शेयर बायबैक प्रोग्राम के तहत निवेशकों से शेयर रिपर्चेज किए हैं।

इंफोसिस का शेयर 15 सितंबर को 1 फीसदी से ज्यादा गिरा। कंपनी ने 18,000 करोड़ रुपये के शेयर बायबैक प्रोग्राम का ऐलान किया है। यह देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी का अब तक का सबसे बड़ा शेयर बायबैक प्रोग्राम है। कंपनी के बोर्ड ने 11 सितंबर को 10 करोड़ शेयरों के रीपर्चेज के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। कंपनी शेयर बायबैक प्रोग्राम में इनवेस्टर्स से प्रति शेयर 1800 रुपये की कीमत पर शेयर बायबैक करेगी। यह 12 सितंबर को शेयरों के क्लोजिंग प्राइस से करीब 18 फीसदी ज्यादा है।

कम टैक्स स्लैब में आने वाले इनवेस्टर्स पार्टिसिपेट कर सकते हैं

उन्होंने कहा कि कम टैक्स स्लैब में आने वाले या टैक्स से छूट वाले इनवेस्टर्स को Infosys के शेयर बायबैक प्रोग्राम में हिस्सा लेना फायदेमंद हो सकता है, लेकिन इसके लिए एक्सेप्टेंश रेशियो खासकर छोटे शेयरहोल्डर कैटेगरी में इसका हाई होना जरूरी है। 15 सितंबर को आईटी कंपनियों के स्टॉक्स पर दबाव देखने को मिला। इसकी वजह अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की मॉनेटरी पॉलिसी बताई जा रही है। फेड की दो दिवसीय मीटिंग 16 सितंबर को शुरू होने जा रही है। इसके नतीजें भारतीय समय के अनुसार 17 सितंबर को देर रात आएंगे।

15 सितंबर को इंफोसिस के शेयरों में 1 फीसदी से ज्यादा गिरावट

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