Infosys shares: देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस (Infosys) के शेयरों में आज 9 सितंबर को जोरदार तेजी देखने को मिली। शुरुआती कारोबार में कंपनी के शेयर 4.63% से अधिक उछलकर 1,499.30 रुपये के स्तर पर पहुंच गए। यह तेजी इस ऐलान के बाद आई कि कंपनी का बोर्ड 11 सितंबर 2025 को अपने ही शेयर वापस खरीदने यानी शेयरों के बायबैक के एक प्रस्ताव पर विचार करेगा।
इंफोसिस का बोर्ड अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी देता है तो यह पिछले तीन सालों में इंफोसिस का पहला शेयर बायबैक होगा। इंफोसिस ने इससे पहले साल 2022 में 9,300 करोड़ रुपये के शेयर बायबैक का ऐलान किया था। उस वक्त शेयरों का न्यूनतम बायबैक प्राइस 1,850 रुपये प्रति शेयर तय किया गया था।
HDFC सिक्योरिटीज के हेड ऑफ प्राइम रिसर्च देवर्ष वकील ने कहा, "इंफोसिस 11 सितंबर को शेयर बायबैक पर विचार करने वाली है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब आईटी सेक्टर अभी कई चुनौतियों से जूझ रहा है। ऐसे में इंफोसिस का शेयर बायबैक निवेशकों के भरोसे को मजबूती देगा और इससे शेयरों को भी सपोर्ट मिल सकता है।"
इंफोसिस ने सोमवार 8 सितंबर को शेयर बाजार का कारोबार बंद होने के बाद इस प्रस्ताव को लेकर जानकारी दी। इसके बाद आज 9 सितंबर को इसके शेयरों में तेजी देखने को मिली। इसके साथ ही इंफोसिस के शेयरों में लगातार पिछले 5 दिनों से जारी गिरावट का सिलसिला टूट गया।
इंफोसिस के शेयरों में तेजी से निफ्टी आईटी इंडेक्स भी 1.7% उछलकर 34,892 पर पहुंच गया। इंफोसिस के शेयर निफ्टी और सेंसेक्स पर भी टॉप गेनर रहे।
इंफोसिस के शेयरों में पिछले छह महीनों में लगभग 13% की गिरावट आई है। वहीं साल 2025 में अब तक यह 21% से भी ज्यादा टूट चुका है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगाए गए कड़े टैरिफ और ग्लोबल अनिश्चितताओं का असर कंपनी पर पड़ा है।
इंफोसिस का हालिया जून तिमाही में कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 8.7% बढ़कर 6,921 करोड़ रुपये रहा। वहीं इसका रेवेन्यू इस दौरान 7.5% बढ़कर 42,279 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी ने वित्त वर्ष 2026 के लिए रेवेन्यू ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 1-3% कर दिया है, जो पहले 0-3% था। वहीं इसने अपने ऑपरेटिंग मार्जिन का गाइडेंस 20-22% पर बरकरार रखा है।
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