Insurance shares : हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों के शेयरों में गुरुवार, 21 अगस्त को तेजी देखने को मिल रही। मीडिया में रिपोर्ट्स के मुताबित लोगों द्वारा खरीदे गए हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस को वर्तमान में लागू 18 फीसदी जीएसटी से छूट मिल सकती है। इंश्योरेंस पर बने मंत्रियों के जीएसटी समूह ने प्रस्ताव रखा है कि हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम को कर से छूट दी जाए। इसका उद्देश्य बीमा उत्पादों को अधिक किफायती बनाना और भारत के कम बीमा पैठ वाले बाजार का विस्तार करना है।
बिहार के उप-मुख्यमंत्री और बीमा संयोजक सम्राट चौधरी ने कहा कि राज्यों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद जीएसटी काउंसिल अंतिम निर्णय लेगी। हालांकि, राज्यों ने बीमा को जीएसटी से छूट देने से होने वाले राजस्व के नुकसान को लेकर चिंता जताई है। आज सुबह सुबह 9.40 बजे के आसपास एसबीआई लाइफ, एचडीएफसी लाइफ, एलआईसी, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के शेयर एक से दो फीसदी की बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे।
एमके ग्लोबल ने अपने एक नोट में कहा है कि मंत्री समूह की इस सिफारिश से प्रोडक्ट कटेगरी की कवरेज और इनपुट टैक्स क्रेडिट के बारे में जवाब की तुलना में सवाल ज्यादा पैदा होते, लेकिन एक बात जो पूरी तरह से स्पष्ट है, वह यह है कि इससे ग्राहकों के लिए रिटेल हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स की कीमतें कम हो जाएंगी। लेकिन जीएसटी कटौती से होने वाले किसी भी फायदे को बीमा कंपनियों द्वारा ग्राहकों तक पहुंचाया जाना चाहिए। तुलनात्मक नजरिए से देखें तो एसबीआई लाइफ़ अपने प्रतिस्पर्धियों की तुलना में लो कॉस्ट स्ट्रक्चर को देखते हुए बेहतर स्थिति में नजर आ रहा है।
बीमा उत्पादों पर जीएसटी में कटौती का यह कदम प्रधानमंत्री मोदी के स्वतंत्रता दिवस भाषण के बाद उठाया गया है, जिसमें उन्होंने दिवाली से ठीक पहले जीएसटी 2.0 लागू करने की घोषणा की थी। ज़्यादातर रिपोर्टों के मुताबिक, जीएसटी को दो प्रमुख स्लैब में तर्कसंगत बनाया जा सकता है। ये स्लैब पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत के होंगे जिसमें सिन टैक्स की दर 40 प्रतिशत होगी।