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Airfloa IPO Listing: लिस्टिंग पर ही पैसे डबल, ₹140 के शेयरों की ₹266 पर एंट्री, फिर अपर सर्किट

Airfloa Rail Technology IPO Listing: एयरफ्लोआ रेल टेक्नोलॉजी इंडियन रेलवे की अहम सप्लायर है। वहीं ऐरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर के लिए भी यह अहम पार्ट्स बनाती है। अब इसके शेयर लिस्ट हुए हैं और इसके आईपीओ को निवेशकों का धांसू रिस्पांस मिला था। आईपीओ के तहत सिर्फ नए शेयर जारी हुए हैं। चेक करें कंपनी की कारोबारी सेहत कैसी है और आईपीओ के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी कैसे करेगी?

अपडेटेड Sep 18, 2025 पर 4:12 PM
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Airfloa Rail Technology IPO Listing: एयरफ्लोआ का ₹91.10 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 11-15 सितंबर तक खुला था। आज इसके शेयरों की लिस्टिंग हुई है।

Airfloa Rail Technology IPO Listing: रेलवे, डिफेंस और ऐरोस्पेस सेक्टर के लिए अहम पार्ट्स बनाने वाली एयरफ्लोआ रेल टेक्नोलॉजी के शेयरों की आज BSE SME पर धांसू एंट्री हुई। इसके आईपीओ को भी निवेशकों का तगड़ा रिस्पांस मिला था और ओवरऑल इसे 301 गुना से अधिक बोली मिली थी। आईपीओ के तहत ₹140 के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज BSE SME पर इसकी ₹266.00 पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को 90% का लिस्टिंग गेन (Airfloa Listing Gain) मिला। लिस्टिंग के बाद शेयर और ऊपर चढ़े। उछलकर यह ₹279.30 (Airfloa Share Price) के अपर सर्किट पर पहुंच गया यानी कि आईपीओ निवेशक अब 99.50% मुनाफे में हैं और इसी पर बंद हुए यानी पहले कारोबारी दिन की समाप्ति पर आईपीओ निवेशकों का पैसा लगभग डबल है।

Airfloa Rail Technology IPO के पैसे कैसे होंगे खर्च

एयरफ्लोआ का ₹91.10 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 11-15 सितंबर तक खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का धांसू रिस्पांस मिला था और ओवरऑल यह 301.52 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 214.65 गुना (एक्स-एंकर), नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 349.88 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 330.31 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत ₹10 की फेस वैल्यू वाले 65.07 लाख नए शेयर जारी हुए हैं। इन शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों में से ₹13.68 करोड़ मशीनरी और इक्विपमेंट की खरीदारी, ₹6.00 कर्ज हल्का करने, ₹59.27 करोड़ वर्किंग कैपिटल की जरूरतों और बाकी पैसे आम कॉरपोरेट उद्देश्यों पर खर्च होंगे।


Airfloa Rail Technology के बारे में

दिसंबर 1998 में बनी एयरफ्लो रेल टेक्नोलॉजी इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) और अन्य कोच फैक्ट्रीज जैसे प्रोडक्शन यूनिट्स के जरिए इंडियन रेलवे के रोलिंग स्टॉक के लिए कंपोनेंट्स बनाती है। इसके अलावा यह ऐरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर के लिए भी अहम पार्ट्स बनाती है। इसने श्रीलंकाई डेमू, मेनलाइन कोच, आगरा-कानपुर मेट्रो, आरआरटीएस, विस्ताडोम कोच और ट्रेन-18 वंदे भारत एक्सप्रेस के लिए रोलिंग स्टॉक पार्ट्स बनाया है और इंटीरियर प्रोजेक्ट मैनेज किया है। यह इंडियन रेलवे की अहम सप्लायर है। इसने एएमसीए सिमुलेटर्स और आर्टिलरी टैंक बॉडीज जैसे अहम प्रोजेक्ट्स के लिए कंपोनेंट्स बनाए हैं। कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2025 में इसे ₹25.55 करोड़ का शुद्ध मुनाफा और ₹192.66 की टोटल इनकम हासिल हुई थी। वित्त वर्ष 2025 के आंकड़ों के मुताबिक इसके ऊपर ₹59.98 करोड़ का कर्ज है और रिजर्व और सरप्लस में ₹93.34 करोड़ पड़े हैं।

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डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

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