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अमेरिकी बैंकिंग संकट के बाद निवेशक उभरते एशियाई बाजारों में कर रहे जमकर निवेश

एशिया पैसिफिक के देशों को उनकी मौद्रिक नीतियों में नरमी का फायदा मिल रहा है। ऑस्ट्रेलिया, साउथ कोरिया, इंडोनेशिया और भारत के केंद्रीय बैंक अब अपनी नीतियों में कड़ाई के रुख में नरमी ला रहे हैं। नरम मौद्रिक नीतियों और कोविड के बाद रि-ओपनिंग के चलते चाइना निवेशकों के लिए सबसे आकर्षक बाजार बना हुआ है। टीडी सिक्योरिटीज ने ईपीएफआर ग्लोबल डेटा के आंकड़ों के आधार पर बताया है कि मार्च के अंत तक के चार हफ्तों में उभरते बाजारों में 5.5 अरब डालर का निवेश आया है

अपडेटेड Apr 08, 2023 पर 9:42 AM
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इंवेस्को एसेट मैनेजमेंट में एशिया-प्रशांत के लिए ग्लोबल मार्केट रणनीतिकार डेविड चाओ ने 4 अप्रैल को ब्लूमबर्ग रेडियो से कहा कि निवेशक अभी भी उभरते एशियाई बाजारों को सबसे पसंदीदा निवेश डेस्टिनेशन के रूप में देख रहे हैं

BLOOMBERG

अमेरिका में आये बैंकिंग संकट के बाद निवेशक अब एशियाई बाजारों की तरफ रुख कर रहे हैं। निवेशकों को लग रहा है चीन और रीजन के दूसरे बाजार इस तरह के किसी संकट से निपटने के नजरिए से ज्यादा बेहतर हैं। ग्लोबल फाइनेंशियल कंडीशन के सिटीबैंक के एक विश्लेषण से पता चलता है कि एशियाई वित्तीय बाजारों में अमेरिका की तुलना में कम कड़ाई की गई है और अधिकांश एशियाई मुद्राओं ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मजबूती दिखाई है। जापान को छोड़कर इस रीजन के एक फाइनेंशियल शेयरों के इंडेक्स में 10 मार्च से अब तक तेजी देखने को मिली है। जबकि इसी अवधि में अमेरिकन बैंकिंग इंडेक्स में लगभग 10 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। बता दें कि 10 मार्च को ही सिलीकॉन वैली के ढ़हने की खबर आई थी।

सिटी (Citi)में एशिया पैसेफिक इकोनॉमिक और मार्केट एनालिसिस के मैनेजिंग डायरेक्टर और हेड जोहाना चुआ (Johanna Chua) ने कहा "हमें लगता है कि एशिया अभी भी तुलनात्मक रूप से ज्यादा सुरक्षित है। एक यूएस-केंद्रित मंदी का मतलब है कि अमेरिकी डॉलर में गिरावट, इससे एशिया में पूंजी का प्रवाह बढ़ेगा।"


मौद्रिक नीतियों में नरमी का फायदा

अर्थशास्त्रियों का कहना है कि एशिया पैसिफिक (एशिया-प्रशांत) के देशों को उनकी मौद्रिक नीतियों में नरमी का फायदा मिल रहा है। ऑस्ट्रेलिया, साउथ कोरिया, इंडोनेशिया और भारत के केंद्रीय बैंक अब अपनी नीतियों में कड़ाई के रख में नरमी ला रहे हैं। नरम मौद्रिक नीतियों और कोविड के बाद रि-ओपनिंग के चलते चाइना निवेशकों के लिए सबसे आकर्षक बाजार बना हुआ है।

टीडी सिक्योरिटीज (TD Securities) ने ईपीएफआर ग्लोबल डेटा (EPFR Global data) के आंकड़ों के आधार पर बताया है कि मार्च के अंत तक के चार हफ्तों में उभरते बाजारों में 5.5 अरब डालर का निवेश आया है। इसमें से 70 फीसदी से ज्यादा निवेश चीन में हुआ है। इसी अवधि में विकसित देशों के इक्विटी बाजारों से 8.6 अरब डॉलर की निकासी हुई है। इस निकासी में भी अमेरिका की सबसे बड़ी हिस्सेदारी रही।

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इंवेस्को एसेट मैनेजमेंट में एशिया-प्रशांत के लिए ग्लोबल मार्केट रणनीतिकार डेविड चाओ ने 4 अप्रैल को ब्लूमबर्ग रेडियो से कहा कि निवेशक अभी भी उभरते एशियाई बाजारों को सबसे पसंदीदा निवेश डेस्टिनेशन के रूप में देख रहे हैं। उसके बाद यूरोप और फिर शायद अमेरिका का नबंर आता है। अगर आपको लगता है कि फेड ब्याज दरों में बढ़ोतरी पर विराम लगाने जा रहा है तो इससे निश्चित रूप से उभरते एशियाई बाजारों में पूंजी प्रवाह और बढ़ेगा।

 

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