Iran-Israel war : बाजार की नजर आज क्रूड पर है जो बढ़कर 78 डॉलर के पार निकल गया है। दरअसल ईरान-इरजायल लड़ाई में अमेरिका के कूदने के बाद स्ट्रेट ऑफ होर्मुज बंद होने का खतरा बढ़ गया है। ईरान की तरफ से होर्मुज स्ट्रेट बंद करने की धमकी आई है। US अटैक के बाद ईरानी संसद में प्रस्ताव पास हो गया है। हालांकि होर्मुज स्ट्रेट अभी बंद नहीं किया गया है। ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई इस पर अंतिम फैसला लेंगे।
होर्मुज स्ट्रेट ओमान और ईरान के बीच संकरा जलमार्ग है। यह खाड़ी देशों को हिंद महासागर से जोड़ता है। इसकी शिपिंग लेन सिर्फ 3 किमी चौड़ी है। यह तेल-गैस की लाइफलाइन है। यह दुनिया का सबसे अहम तेल ट्रांजिट प्वाइंट में आता है। कच्चे तेल का हर चौथा जहाज यहीं से गुजरता है। एशिया का 44 फीसदी तेल इसी रास्ते से जाता है। OPEC देशों की ज्यादातर सप्लाई इसी रूट से होती है।
होर्मुज स्ट्रेट: तेल- गैस की लाइफलाइन
होर्मुज स्ट्रेट को तेल-गैस की लाइफलाइन माना जाता है। दुनिया की गैस सप्लाई का 20-30 फीसदी हिस्सा इसी रूट से गुजरता है। हर महीने इस रूट से 3000 से ज्यादा जहाज गुजरते हैं। इस रूट से हर रोज 2.08 करोड़ बैरल तेल की और 29 करोड़ क्यूबिक मीटर गैस की सप्लाई होती है।
स्ट्रेट ऑफ होर्मुज बंद होने का दुनिया पर असर
स्ट्रेट ऑफ होर्मुज बंद होने से तेल-गैस की सप्लाई बाधित होगी। तेल-गैस कीमतों में जबरदस्त उछाल आ सकता है। इससे फ्रेट चार्ज में बेताहाशा उछाल आ सकता है। महंगाई बढ़ने का खतरा बढ़ेगा। ग्लोबल इकोनॉमी में मंदी का खतरा बढ़ेगा।
होर्मुज स्ट्रेट बंद होने का भारत पर असर
भारत में हर दिन 5.6 मिलियन बैरल कच्चे तेल का आयात होता है। इसमें से 1.5-2 मिलियन तेल का आयात होर्मुज स्ट्रेट से होता है। LNG की सप्लाई की बात करें तो 50 फीसदी LNG की सप्लाई घरेलू स्रोत से होती है। बाकी गैस कतर और गल्फ देशों आता है। कतर होर्मुज स्ट्रेट का इस्तेमाल नहीं करता। भारत में तेल सप्लाई की पिक्चर पर नजर डालें तो देश में कुल जरूरत का 90 फीसदी इंपोर्ट होता है। इसमें से 40 फीसदी पश्चिम एशिया से और 38 फीसदी तेल रूस से आता है।
भारत: होर्मुज स्ट्रेट बंद होने का असर
होर्मुज स्ट्रेट बंद होने से भारत को बहुत परेशान होने की जरूरत नहीं है। करीब 40 देशों से तेल आता है है। भारत के पास पर्याप्त भंडार है। भारत को रूस का भी सहारा है। रूस कच्चे तेल का सबसे बड़ा सप्लायर है। 2025 में भारत ने 21-22 लाख बैरल प्रतिदिन तेल खरीदा है। रूसी तेल स्वेज नहर या प्रशांत महासागर से आता है। इस अलावा भारत US, ब्राजील, नाइजीरिया, अंगोला से आयात बढ़ा सकता है।