चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के नजदीक रोवर उतारकर भारत ने इतिहास रच दिया है और ऐसा करने वाला पहला देश बन गया। चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) मिशन की सफलता का असर MTAR Tech के शेयरों पर भी दिख रहा है। जिस दिन रोवर चांद पर उतरा था, उस दिन इसके शेयर बीएसई पर 4.84 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुए थे जबकि उसके पहले लगातार तीन दिनों तक इसमें गिरावट थी। 24 अगस्त यानी कल गुरुवार को भी यह मजबूती के साथ 3.83 फीसदी की बढ़त के साथ 2305.70 रुपये के भाव (MTAR Tech Share Price) पर बंद हुआ। इंट्रा-डे में यह 2450 रुपये तक पहुंच गया था। अब आगे की बात करें तो कंपनी के एमडी का मानना है कि इसरो (ISRO) के आने वाले प्रोजेक्ट्स के दम पर कंपनी का कारोबार तेजी से आगे बढ़ सकता है।
ISRO से कैसे मिलेगा सपोर्ट
चंद्रयान-3 मिशन में इसने इसरो को अहम पार्ट मुहैया कराए थे। हैदाराबाद स्थित इस कंपनी ने विकास इंजन, क्रायोजेनिक इंजन और कई प्रकार के सब-सिस्टम इसरो को सप्लाई किया था। सीएनबीसी-टीवी18 से कंपनी के एमडी श्रीनिवास रेड्डी ने कहा था कि इसरो जिस तेजी से आगे बढ़ रही है, उससे MTAR Tech के कारोबार को भी मजबूत सपोर्ट मिलेगा। आने वाले समय में इसरो और मिशन लॉन्ट कर सकता है। इसरो के चेयरमैन गगनयान को लेकर खुलासा भी कर चुके हैं। पहले इसरो कई प्राइवेट कंपनियों से सभी पार्ट जुटाती थी लेकिन अब केंद्र सरकार ने आरएंडडी पर ज्यादा ध्यान देते हुए इसरो पर अपना फोकस कर लिया है।
श्रीनिवास के मुताबिक दोनों चीजें एक साथ ही होंगी यानी कि ऐसा नहीं है कि इसरो की लॉन्च एक्टिविटी और पार्ट्स की सप्लाई से जुड़ी एक्टिविटीज अलग-अलग चलेंगी, ये दोनों साथ-साथ ही चलेंगी। इसरो के आने वाले प्रोजेक्ट्स जैसे कि गगनयान, आदित्य एल-1 और निसार से MTAR Tech के कारोबार से सपोर्ट मिलेगा। EY India के मुताबिक 2020 में देश की स्पेस इकनॉमी 960 करोड़ डॉलर से अधिक थी जिसके 2025 तक 1300 करोड़ डॉलर तक पहुंचने के आसार हैं।
ढाई साल पहले हुई है MTAR की लिस्टिंग
MTAR Tech के शेयरों की करीब ढाई साल पहले 15 मार्च 2021 को स्टॉक मार्केट में एंट्री हुई है। इसके शेयर आईपीओ निवेशकों को 575 रुपये के भाव पर जारी हुए हैं। इसका मतलब हुआ कि आईपीओ निवेशकों की पूंजी फिलहाल 301 फीसदी बढ़ी हुई है।