FMCG सेक्टर की दिग्गज कंपनी ITC ने हाल ही में तिमाही नतीजों की घोषणा की है। सितंबर तिमाही में कंपनी का मुनाफा 10.32 फीसदी बढ़कर 4926.96 करोड़ रुपये हो गया। इसके अलावा, कंपनी का राजस्व 3.17 फीसदी बढ़कर 17705.08 करोड़ रुपये हो गया। हालांकि, इस अवधि में सिगरेट सेगमेंट के रेवेन्यू ग्रोथ में मंदी देखी गई। सिगरेट ब्रांड गोल्डफ्लेक, क्लासिक और ब्रिस्टल बेचने वाली कंपनी का सिगरेट सेगमेंट में रेवेन्यू ग्रोथ Q1FY23 में 29 फीसदी से घटकर Q2FY24 में 8.5 फीसदी हो गया है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या निवेशकों के लिए यह चिंता की बात है?
आईटीसी की जुलाई-सितंबर की कमाई के बाद ब्रोकरेज फर्मों ने कहा कि कंपनी की सिगरेट की वॉल्यूम ग्रोथ उम्मीद से कम है। मोतीलाल ओसवाल ने 6 फीसदी की वॉल्यूम ग्रोथ का अनुमान लगाया, लेकिन Q2FY24 में एक्चुअल ग्रोथ 4 फीसदी रही।
क्या है एक्सपर्ट्स की राय
एनालिस्ट्स ने मनीकंट्रोल से कहा कि सिगरेट से आईटीसी का रेवेन्यू ग्रोथ Q1FY24 से कम हो रहा है, हालांकि हायर बेस पर। उन्होंने कहा कि टैक्सेशन में नरमी, बढ़ती आउट ऑफ होम कंजप्शन और अन्य लिस्टेड सिगरेट पियर्स से कमजोर कंपटीशन जैसे फैक्टर्स के कारण पिछले एक साल में ग्रोथ रेट अधिक रही। एनालिस्ट्स का कहना है कि पिछले वित्तीय वर्ष में हाई बेस इस वित्तीय वर्ष में कम ग्रोथ रेट का कारण बन रहा है, हालांकि इस वर्ष ग्रोथ रेट ठीक है।
पिछले वित्त वर्ष में हाई ग्रोथ का एक कारण टैक्सेशन में नरमी है। एक एनालिस्ट ने कहा कि एक्साइज ड्यूटी वित्त वर्ष 2013-18 के दौरान 16-18 फीसदी की CAGR से बढ़ा था और वित्त वर्ष 2019-23 के दौरान इसमें 3-5 फीसदी की ग्रोथ के साथ कमी आई। एक कंज्यूमर एनालिस्ट ने कहा, "वित्त वर्ष 2013-18 के दौरान सिगरेट पर करों में बढ़ोतरी से सिगरेट महंगी हो गई, जिससे आईटीसी जैसे लिस्टेड प्लेयर्स की बिक्री कम हो गई।" FY22 की अवधि में सिगरेट वॉल्यूम में रिकवरी देखी गई। FY22 और FY23 वह अवधि थी जब सिगरेट की खपत बढ़ी और ITC के राजस्व में वृद्धि हुई।
पिछले बजट में सरकार ने सिगरेट पर NCCD में 16 फीसदी की बढ़ोतरी की थी, लेकिन इसका ज्यादा असर नहीं हुआ और सिगरेट की कीमतों में महज 7-12 पैसे प्रति स्टिक की बढ़ोतरी हुई। NCCD को सिगरेट सहित कुछ मैन्युफैक्चर्ड गुड्स पर उत्पाद शुल्क के प्रतिशत के रूप में लगाया जाता है।
एक्सिस सिक्योरिटीज के एफएमसीजी और रिटेल एनालिस्ट प्रीयम टोइला ने कहा कि FY23 में अवैध सिगरेट कंपनियों और कुछ अन्य बड़े प्लेयर्स को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था, जिससे बाजार में कंपटीशन कम हो गई और आईटीसी को फायदा हुआ। फिलिप कैपिटल के विशाल गुटका ने कहा कि महामारी के बाद आउट ऑफ होम कंजप्शन बढ़ने के कारण सिगरेट की बिक्री में वृद्धि देखी गई। उन्होंने कहा कि FY23 में ऑफिस लौटने वाले लोगों ने इस अवधि के दौरान सिगरेट की बिक्री में वृद्धि में योगदान दिया।
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज ने एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि FY24 में सिगरेट वॉल्यूम 3-5 फीसदी बढ़ेगी। एनालिस्ट्स का कहना है कि भले ही सिगरेट कारोबार की वृद्धि दर धीमी हो रही है, लेकिन यह आईटीसी के लिए चिंता का विषय नहीं है।
Q1FY24 की कमाई के बाद ब्रोकरेज ने स्टॉक पर ऐड/बाय रेटिंग बनाए रखी है। एचडीएफसी इंस्टीट्यूशनल रिसर्च ने 450 रुपये प्रति शेयर के टारगेट प्राइस के साथ स्टॉक पर 'Add' रेटिंग दी है। मोतीलाल ओसवाल ने 535 रुपये प्रति शेयर के टारगेट प्राइस के साथ स्टॉक पर Buy की रेटिंग दी है।