रनवे पर लौटने की कोशिशों में लगी घरेलू विमानन कंपनी जेट एयरवेज (Jet Airways) के शेयरों में आज 23 नवंबर को लगातार तीसरे दिन लोअर सर्किट लगा है। इन तीन दिनों में यह 15 फीसदी टूट चुका है और अब एक साल के रिकॉर्ड निचले स्तर पर फिसल चुका है। एक महीने में अभी यह 30 फीसदी गिर चुका है। अभी यह बीएसई पर 65.95 रुपये के भाव (Jet Airways Share Price) में मिल रहा है। बता दें कि कंपनी वित्तीय दबावों से जूझ रही है और यह लगातार ट्रैक पर आने की कोशिश कर रही है लेकिन सफल नहीं हो पा रही है। वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर 2022 में कंपनी का घाटा सालाना आधार पर 60.78 करोड़ रुपये से बढ़कर 308.24 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
Jet Airways हो चुकी है दिवालिया
करीब तीन साल पहले वर्ष 2019 में जेट एयरवेज दिवालिया होने के चलते बंद हो गई थी। अक्टूबर 2020 में इसे बचाने के लिए नीलामी हुई थी जिसे जालान-कालरॉक कंसोर्टियम ने जीत लिया था लेकिन कंपनी की सेहत में कोई सुधार नहीं दिख रहा है। जालान कालरॉक कंसोर्टियम ने एनसीएलएटी (नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल) से 250 करोड़ रुपये के पीएफ और ग्रेच्यूटी के बकाए की अतिरिक्त राशि का भुगतान करने में असमर्थता जताई है।
इकनॉमिक्स टाइम्स ने 21 नवंबर को जानकारी दी थी कि अब लेंडर्स जेट एयरवेज को लिक्विडेट करने पर जोर दे रहे हैं। हालांकि मनीकंट्रोल इस खबर की पुष्टि नहीं कर सकता है। जेट एयरवेज को एक और झटका 22 नवंबर को तब लगा जब एविएशन सिक्योरिटी एजेंसी बीसीएएस ने विमान कंपनी की एविएशन सिक्योरिटी ट्रेनिंग फैसिलिटीज का प्रमाण पत्र वापस ले लिया। बीसीएएस ने कहा था कि एक बार जेट एयरवेज का मालिकाना हक कंसोर्टियम को मिल जाए तो सिक्योरिटी फंक्शन फिर से एक्टिवेट कर दिया जाएगा लेकिन नए सेट अप के लिए फिर से मंजूरी लेनी होगी।
स्टॉफ को भी उठाना पड़ रहा कमजोर वित्तीय स्थिति का भार
वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए कंपनी ने अपने कर्मियों की अस्थाई तौर पर 50 फीसदी तक कम करने का फैसला किया है। जेट एयरवेज ने यह फैसला 14 नवंबर को लिया था और मनीकंट्रोल को यह जानकारी मिली थी कि कंपनी ने इस कटौती का फैसला किया है। इसके अलावा कुछ कर्मियों को बिना वेतन छुट्टी पर भेजे जाने का फैसला किया गया है। यह फैसला अगले महीने 1 दिसंबर से लागू हो जाएगा।