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KEC International के शेयरों को Power Grid ने लगाया करंट, नौ महीने के बैन पर 10% की भारी गिरावट

KEC International Share Price: सिविल कंस्ट्रक्शन कंपनी केईसी इंटरनेशनल के शेयरों में आज बिकवाली की तेज आंधी आई और यह धड़ाम हो गया। इसके शेयरों को पावर ग्रिड (Power Grid) के फैसलों से झटका लगा, जिसने इस पर नौ महीने का बैन लगा दिया है। जानिए यह पूरा माजरा क्या है और पावर ग्रिड ने ऐसा क्यों किया है?

Edited By: Jeevan Deep Vishawakarmaअपडेटेड Nov 19, 2025 पर 4:17 PM
KEC International के शेयरों को Power Grid ने लगाया करंट, नौ महीने के बैन पर 10% की भारी गिरावट
KEC International के शेयरों को Power Grid की तरफ से जो करंट लगा है, उससे निचले स्तर पर खरीदारी के बावजूद यह अधिक रिकवर नहीं हो पाया।

KEC International Share Price: घरेलू इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्सेज सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी 50 (Nifty 50) ने शुरुआती गिरावट से उबरते हुए ग्रीन जोन में वापसी की लेकिन केईसी इंटरनेशनल के शेयर संभल ही नहीं पाए। इसके शेयरों को पावरग्रिड (Power Grid) की तरफ से जो करंट लगा है, उससे निचले स्तर पर खरीदारी के बावजूद यह अधिक रिकवर नहीं हो पाया। पावरग्रिड ने अपने टेंडर को लेकर केईसी इंटरनेशनल के लिए नौ महीने तक 'नो एंट्री' का बोर्ड लगाया तो इसके शेयर 10% से अधिक टूट गए। आज बीएसई पर यह 9.08% की गिरावट के साथ ₹710.20 पर बंद हुआ है। इंट्रा-डे में यह 10.68% टूटकर ₹697.70 तक आ गया था।

KEC International पर Power Grid ने क्यों लगाया बैन?

पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने अपनी तरफ से जारी टेंडर में केईसी इंटरनेशनल को हिस्सा लेने पर नौ महीने तक 'नो एंट्री' का बोर्ड लगा दिया है। केईसी इंटरनेशनल को पावर ग्रिड से मंगलवार को इससे जुड़ा एक लेटर मिला जिसमें इसे कहा गया है कि यह नौ महीने तक पावर ग्रिड के टेंडर में हिस्सा नहीं ले सकती है और इसकी शुरुआत 18 नवंबर से हो चुकी है। पावर ग्रिड कॉर्प की यह कार्रवाई कॉन्ट्रैक्ट से जुड़े प्रावधानों के कथित उल्लंघन से जुड़ी है, जिसकी सूचना इस साल 24 मार्च को एक्सचेंजों को पहले ही दे दी गई थी। हालांकि केईसी इंटरनेशनल पर जो प्रतिबंध लगा है, उसका पावर ग्रिड के मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट्स पर असर नहीं पड़ेगा, जिस पर अभी काम हो रहा है।

अब आगे की बात करें तो केईसी इंटरनेशनल ने एक्सचेंजों से कहा है कि इस मामले में वह कानूनी रास्ते और पावर ग्रिड से अपने फैसले पर फिर से विचार करने के अनुरोध समेत कई विकल्पों पर विचार कर रही है। पावरग्रिड के फैसले के असर की बात करें तो केईसी इंटरनेशनल का कहना है कि मजबूत ऑर्डर बुक और हेल्दी टेंडर पाइपलाइन के चलते पावर ग्रिड के फैसले का इसके कारोबार या वित्तीय स्थिति पर कोई असर नहीं पड़ेगा। बता दें कि 11 नवंबर को सीएनबीसी-टीवी18 से बातचीत में कंपनी ने इस पूरे वित्त वर्ष 2026 में 15% की ग्रोथ के अनुमान को बरकरार रखा था और इसका कहना था कि स्टील की कीमतों में गिरावट से इसे फायदा मिल सकता है।

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