Kirloskar Oil Engines Shares: घरेलू स्टॉक मार्केट में आज खरीदारी के माहौल के बीच किर्लोस्कर ऑयन इंजन्स के शेयर आज रॉकेट बन गए। इसके शेयरों की यह तेजी सितंबर तिमाही के धमाकेदार कारोबारी नतीजे पर आई। सितंबर तिमाही में कंपनी का शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 34% और शुद्ध मुनाफा भी 27% बढ़ा तो निवेशकों ने फटाफट खरीदारी शुरू कर दी जिससे शेयर करीब 15% उछल पड़े। इस तेजी का कुछ निवेशकों ने फायदा उठाया जिससे भाव थोड़े नरम पड़े लेकिन अब भी यह काफी मजबूत स्थिति में है। फिलहाल बीएसई पर यह 12.44% की बढ़त के साथ ₹1062.75 (Kirloskar Oil Engines Share Price) पर है। इंट्रा-डे में यह 14.80% उछलकर ₹1085.00 तक पहुंच गया था जोकि इस साल मई के बाद की इंट्रा-डे में सबसे बड़ी तेजी है।
Kirloskar Oil Engines के लिए कैसी रही सितंबर तिमाही?
चालू वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर 2025 में किर्लोस्कर ऑयल इंजन्स का रेवेन्यू सालाना आधार पर 34% बढ़कर ₹1,604 करोड़ पर पहुंच गया। इसे बी2बी सेल्स की मजबूत ग्रोथ से सपोर्ट मिला जिसमें पावर जेन और इंडस्ट्रियल सेग्मेंट्स की 40% की ग्रोथ ने पावर दिया। इंटरनेशनल बिजनेस की बात करें तो मिडिल ईस्ट और नॉर्थ अफ्रीका में इसकी मजबूती बनी रही। इस दौरान कंपनी के शुद्ध मुनाफे की बात करें तो सितंबर तिमाही में सालाना आधार पर यह 27% बढ़कर ₹141 करोड़ पर पहुंच गया।
ऑपरेटिंग लेवल पर बात करें तो किर्लोस्कर ऑयल इंजन्स का ऑपरेटिंग प्रॉफिट यानी ईबीआईटीए इस दौरान 30% बढ़कर ₹214.5 करोड़ पर पहुंच गया। हालांकि इस दौरान ऑपरेटिंग मार्जिन 13.85% से गिरकर 13.38% पर आ गया। सितंबर तिमाही में कंपनी का घरेलू बिजनेस 35% बढ़कर ₹1,406 करोड़ और निर्यात भी इसी स्पीड से बढ़कर ₹187 करोड़ पर पहुंच गया।
एक साल में कैसी रही शेयरों की चाल?
किर्लोस्कर ऑयल इंजन्स के शेयर पिछले साल 10 दिसंबर 2024 को ₹1196.25 पर थे जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड हाई है। इस हाई से यह ढाई ही महीने में 54.51% फिसलकर 28 फरवरी 2025 को ₹544.15 पर आ गया जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड निचला स्तर है। अब आगे की बात करें तो इंडमनी पर मौजूद डिटेल्स के मुताबिक इसे कवर करने वाले 5 एनालिस्ट्स में से सभी ने इसे खरीदारी की रेटिंग दी है। इसका हाइएस्ट टारगेट प्राइस ₹1281 और लोएस्ट टारगेट प्राइस ₹1067 है। हालांकि ध्यान दें कि यह कवरेज रिजल्ट आने के पहले तक का है यानी कि अब रिजल्ट आने के बाद इसकी रेटिंग और टारगेट प्राइस में बदलाव हो सकता है।
इसके शेयरहोल्डिंग पैटर्न की बात करें तो सितंबर 2025 तक के आंकड़ों के हिसाब से इसमें 41.12% हिस्सेदारी प्रमोटर्स की है और बाकी 58.88% पब्लिक शेयरहोल्डर्स की। इसमें 28 म्यूचुअल फंड्स की 25.53%, 6 इंश्योरेंस कंपनियों की 1.38% और ₹2 लाख तक के निवेश वाले 98,790 खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी 14.39% है।
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