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हिंडनबर्ग ने कोटक महिंद्रा बैंक के बनाए फंड स्ट्रक्चर से अदाणी ग्रुप के शेयरों को किया था शॉर्ट: रिसर्च फर्म

Adani-Hindenburg Case: अमेरिकी शॉर्ट-सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने मंगलवार 2 जुलाई को बताया कि उसने अदाणी ग्रुप (Adani Group) के शेयरों को शॉर्ट करने के लिए अपने एक इनवेस्टर पार्टनर के जरिए ऑफशोर फंड स्ट्रक्चर का इस्तेमाल किया था। इस ऑफशोर फंड स्ट्रक्चर को कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) ने बनाया था और इसकी देखरेख की थी

Moneycontrol Newsअपडेटेड Jul 02, 2024 पर 11:47 AM
हिंडनबर्ग ने कोटक महिंद्रा बैंक के बनाए फंड स्ट्रक्चर से अदाणी ग्रुप के शेयरों को किया था शॉर्ट: रिसर्च फर्म
Adani-Hindenburg news: हिंडनबर्ग ने पिछले साल 24 जनवरी 2023 को अदाणी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी

Adani-Hindenburg Case: अमेरिकी शॉर्ट-सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने मंगलवार 2 जुलाई को बताया कि उसने अदाणी ग्रुप (Adani Group) के शेयरों को शॉर्ट करने के लिए अपने एक इनवेस्टर पार्टनर के जरिए ऑफशोर फंड स्ट्रक्चर का इस्तेमाल किया था। इस ऑफशोर फंड स्ट्रक्चर को कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) ने बनाया था और इसकी देखरेख की थी। कोटक महिंद्रा बैंक, एक प्राइवेट सेक्टर की बैंक और ब्रोकरेज फर्म है, जिसकी स्थापना उदय कोटक ने की थी। बता दें कि हिंडनबर्ग रिसर्च को मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने अदाणी ग्रुप से जुड़ी उसकी रिपोर्ट को लेकर एक कारण बताओ नोटिस जारी किया है। करीब 46 पन्नों के इस नोटिस को 27 जून को जारी किया गया था। इसी के बाद हिंडनबर्ग रिसर्च का यह बयान आया है।

हिंडनबर्ग ने यह भी सवाल उठाया कि आखिर SEBI ने अपने नोटिस में कोटक महिंद्रा बैंक का नाम क्यों नहीं लिया है।

हिंडनबर्ग ने कहा, "SEBI ने हम पर अधिकार क्षेत्र का दावा करने के लिए काफी मशक्कत की है, लेकिन उसके नोटिस में साफ तौर से उस पार्टी का नाम नहीं लिया गया है, जिसका भारत से असल में संबंध है। वह पार्टी है- कोटक महिंद्रा बैंक। यह भारत की सबसे बड़ी बैंकों और ब्रोकरेज फर्मों में से एक है, जिसकी स्थापना उदय कोटक ने की थी। हमारे इनवेस्टर पार्टनर के लिए इसी बैंक ने ऑफशोर फंड स्ट्रक्चर बनाया और उसकी देखरेख की है, जिसका इस्तेमाल करके हमने अदाणी के शेयरों को शॉर्ट किया। इसकी जगह, इसने केवल K-इंडिया ऑपर्च्युनिटीज फंड का नाम रखा और 'कोटक' नाम को 'KMIL' के संक्षिप्त नाम से छुपा दिया।"

KMIL का मतलब कोटक महिंद्रा इनवेस्टमेंट्स लिमिटेड से है। हिंडेनबर्ग ने आरोप लगाया कि सेबी ने शायद बिजनेसमैन को जांच में दायरे से आने से बचाने के लिए कोटक का नाम छुपाया है।

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