LIC Shar Price: LIC के शेयरों में 16 अगस्त (मंगलवार) को 3 फीसदी से ज्यादा तेजी दिखी। इसकी वजह यह है कि मैक्वायरी कैपिटल सिक्योरिटीज के एनालिस्ट सुरेश गणपति ने एलआईसी के शेयरों को अपग्रेड किया है। उन्होंने कंपनी के जून तिमाही के नतीजों के बाद ऐसा किया है। दिन में करीब 12 बजे एलआईसी के शेयर का प्राइस 2.80 फीसदी के उछाल के साथ 701.50 रुपये चल रहा था।
मैक्वायरी ने एलआईसी के शेयर की ग्रेडिंग 'न्यूट्रल' से बढ़ाकर 'आउटपरफॉर्म' कर दी है। उसने कहा है कि एलआईसी के शेयरों की कम वैल्यूएशन को देखते हुए इसकी ग्रेडिंग बढ़ाई गई है। हालांकि इस ब्रोकरेज फर्म ने एलआईसी के शेयरों में कम तेजी की उम्मीद जताई है। उसने इस शेयर के टारगेट प्राइस को 15 फीसदी घटाकर 850 रुपये कर दिया है। इसके लिए उसने गवर्नमेंट ओनरशिप को जिम्मेदार बताया है।
मैक्वायरी ने कहा है कि एलआईसी ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पहले से ज्यादा डिसक्लोजर किया है। उसने नए बिजनेस और एम्बेडेड वैल्यू की अपने अनुमान को बढ़ाया है। ब्रोकरेज फर्म ने भी ग्रेडिंग बढ़ाए जाने की एक यह भी वजह है।
एलआईसी का जून तिमाही की प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। इसका प्रॉफिट तिमाही दर तिमाही आधार पर 71.2 फीसदी गिरकर 2,371.6 करोड़ रुपये रहा। इसका स्टैंडएलोन टोटल प्रीमियम 31.6 फीसदी घटकर 98,351.8 करोड़ रुपये रहा।
फर्स्ट-ईयरर प्रीमियम इनकम में एलआईसी की बाजार हिस्सेदारी जून तिमाही के अंत में 65.42 फीसदी रही। एक साल पहले की समान तिमाही में यह 67.52 फीसदी था। मार्च तिमाही में एलआईसी की न्यू बिजनेस मार्जिन की वैल्यू 15.1 फीसदी रहा। जून तिमाही में यह घटकर 13.6 फीसदी पर आ गया।
एलआईसी ने न्यू बिजनेस मार्जिन की वैल्यू में गिरावट की वजह प्रोडक्ट मिक्स में बदलाव को बताया है। कंपनी के चेयरमैन एमआर कुमार ने वित्तीय नतीजों के बाद एनालिस्ट्स से कहा था कि न्यू बिजनेस मार्जिन में आई कमी आस्थायी है। उन्होंने कहा था कि हाई मार्जिन प्रोटेक्शन प्लान्स में हिस्सेदारी बढ़ने पर न्यू बिजनेस मार्जिन में सुधार देखने को मिलेगा।
एलआईसी ने इस साल मई में अपना आईपीओ पेश किया था। कंपनी ने इनवेस्टर्स को 949 रुपये की दर से शेयर एलॉट किए थे। रिटेल इंश्योरेंस और पॉलिसीधारकों को उसने डिस्काउंट दिया था। इसके बावजूद शेयरों की कमजोर लिस्टिंग और उसके बाद लगातार गिरावट के बाद इस आईपीओ में पैसा लगाने वाले इनेवस्ट्स को बहुत लॉस हुआ है।