Apple lays off recruiters : एपल इंक ने पिछले हफ्ते अपने कई कॉन्ट्रैक्ट बेस्ड रिक्रूटर्स की छंटनी कर दी, जो उसकी हायरिंग में कमी और खर्चों पर लगाम लगाने की योजना का हिस्सा है। इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
Apple lays off recruiters : एपल इंक ने पिछले हफ्ते अपने कई कॉन्ट्रैक्ट बेस्ड रिक्रूटर्स की छंटनी कर दी, जो उसकी हायरिंग में कमी और खर्चों पर लगाम लगाने की योजना का हिस्सा है। इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
दुनिया की सबसे वैल्यूएबल कंपनी में इस तरह फैसले कम ही होते हैं। सूत्रों के मुताबिक, Apple ने इसके तहत 100 कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स की छंटनी की है। रिक्रूटर्स के पास Apple के लिए नए कर्मचारियों की भर्ती की जिम्मेदारी थी। वहीं, इस छंटनी से संकेत मिलते हैं कि कंपनी सुस्ती के दौर से गुजर रही है।
छंटनी पर एपल ने क्या कहा
निकाले गए वर्कर्स को बताया गया है कि एपल की मौजूदा कारोबारी जरूरतों में बदलाव के कारण यह कदम उठाया गया है। ब्लूमबर्ग ने पिछले महीने जारी अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि कंपनी कई वर्षों के बाद अपनी हायरिंग में कमी करने पर विचार कर रही ही। एपल के सीईओ टिम कुक (Chief Executive Officer Tim Cook) ने Apple की अर्निंग कॉन्फ्रेंस कॉल में कहा था कि कंपनी अपने खर्चों पर ज्यादा “विचार” यानी सोच समझकर करेगी। हालांकि कुछ क्षेत्रों में निवेश जारी रहेगा।
टिम कुक ने दिए थे ये संकेत
कुक ने एनालिस्ट्स को बताया था, हम मंदी के दौर में भी निवेश पर विश्वास करते हैं। इसलिए हम भर्तियां और कुछ क्षेत्रों में निवेश जारी रखेंगे, लेकिन हम हालात की वास्तविकताओं को देखते हुए इस दिशा में ज्यादा सोच समझकर फैसले करेंगे।
कौन से रिक्रूटर्स को रखा बरकरार
Apple ने अभी तक उन रिक्रूटर्स को बरकरार रखा है जो उनके पूर्ण कालिक कर्मचारी हैं। साथ ही सभी कॉन्ट्रैक्टर्स को निकाला नहीं गया है। एपल के स्पोक्समैन ने इस खबर पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
कैलिफोर्निया बेस्ड कंपनी के लिए छंटनी की यह खबर असामान्य है। उसके कर्मचारियों की संख्या 15,000 से ज्यादा है।
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