Gold cards scheme : अमेरिका में बदलते वीजा नियमों की वजह से लोगों की वीजा चॉइस भी बदल रही है। जैसे ही ट्रंप प्रशासन ने H-1B वीजा की फीस बढ़ाने की घोषणा की गोल्ड कार्ड में लोगों की दिलचस्पी बढ़ गई है। इमिग्रेशन कंसल्टेंसीज का कहना है कि गोल्ड कार्ड के बारे में जबरदस्त इंक्वायरी आ रही है। अमेरिकी सरकार ने एक तरफ H-1B वीज़ा की फीस 2,000 से 5,000 डॉलर से बढ़ाकर सीधे 100,000 डॉलर कर दी। साथ ही अमेरिका में रेज़िडेंसी के लिए नया रास्ता खोलते हुए “US Gold Card” प्रोग्राम भी जारी कर दिया। हालांकि इसकी कीमत भारी भरकम 1 मिलियन डॉलर यानी लगभग 8 करोड़ 3 लाख रुपये रखी गई है जो कि नॉन-रिफंडेबल है। कंपनियों की तरफ से स्पॉन्सरशिप के लिए 2 मिलियन डॉलर का योगदान ज़रूरी है। इसके अलावा 15,000 डॉलर का वेटिंग फी भी लगती है। लेकिन इसके बेनिफिट्स को देखते हुए दुनियाभर के अमीरों में इसकी डिमांड बढ़ रही है।