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LIC Share Price: एलआईसी पर बड़ा खुलासा, सरकार ने दी यह मंजूरी

LIC Share Price: देश की सबसे बड़ी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी के शेयरों में आज तेज हलचल दिख सकती है। इसकी वजह ये है कि सरकार ने एक बड़ी मंजूरी दे दी है। करीब तीन साल पहले इसक शेयर घरेलू मार्केट में लिस्ट हुए थे और करीब दो साल तक सबसे बड़ा आईपीओ लाने का रिकॉर्ड इसी के नाम बना रहा। जानिए सरकार की एलआईसी में अभी कितनी हिस्सेदारी है?

अपडेटेड Jul 10, 2025 पर 7:54 AM
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LIC Share Price: एलआईसी में सरकार अपनी हिस्सेदारी और हल्की करने वाली है। ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए शेयरों को बेचने की मंजूरी मिल गई है।

LIC Share Price: देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी एलआईसी में सरकार अपनी हिस्सेदारी और हल्की करने वाली है। ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए शेयरों को बेचने की मंजूरी मिल गई है। सीएनबीसी-टीवी18 को यह जानकारी सरकारी सूत्रों के हवाले से मिली है। करीब तीन साल पहले इसके शेयरों की घरेलू मार्केट में एंट्री हुई थी और इसका आईपीओ पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल का था। अब फिर सरकार इसमें अपनी हिस्सेदारी और हल्की करने वाली है। इसका आज शेयरों की चाल पर असर दिख सकता है। एक कारोबारी दिन पहले बुधवार 09 जुलाई को बीएसई पर यह 0.07% की मामूली गिरावट के साथ ₹945.85 पर बंद हुआ था।

LIC में अभी कितनी है सरकार की हिस्सेदारी?

मार्च 2025 के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के मुताबिक एलआईसी में सरकार की हिस्सेदारी 96.5% है। इसके आईपीओ के तहत सरकार ने सिर्फ 3.5% हिस्सेदारी ही हल्की की थी और अब भी एक बड़ी हिस्सेदारी सरकार के ही पास है। इसके चलते एलआईसी के शेयरों का फ्री फ्लोट काफी कम बना हुआ है। सरकार ने आईपीओ के जरिए 3.5% हिस्सेदारी हल्की की थी और इसमें से 1.13% हिस्सेदारी म्युचुअल फंड्स के पास है तो 23 लाख से अधिक रिटेल शेयरहोल्डर्स यानी ‌₹2 लाख तक के निवेश वाले शेयरहोल्डर्स की हिस्सेदारी 1.76% है।


क्या है SEBI का नियम?

सरकार को अपनी हिस्सेदारी हल्की इसलिए भी करनी जरूरी है क्योंकि बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के नियमों के मुताबिक लिस्टेड कंपनी में कम से कम 25% पब्लिक शेयरहोल्डिंग होनी चाहिए। सरकार के पास अधिकतम 75% शेयरहोल्डिंग से 21.5% होल्डिंग अधिक है जिसकी मौजूदा वैल्यू करीब ₹1.28 लाख करोड़ है। इसका मतलब है कि मौजूदा भाव के हिसाब से हर 1% हिस्सेदारी की बिक्री पर सरकार को ₹6 हजार करोड़ मिलेंगे। पिछले साल सेबी ने एलआईसी को को 2027 तक 10% पब्लिक शेयरहोल्डिंग हासिल करने की मंजूरी दी थी।

कैसी है शेयरों की स्थिति?

एलआईसी ने करीब तीन साल पहले मई 2022 में ₹20,557.23 करोड़ का आईपीओ लाया था जो रिकॉर्ड था और यह रिकॉर्ड करीब दो साल तक एलआईसी के साथ बना रहा। इसके बाद हुंडई मोटर इंडिया ने अक्टूबर 2024 में ₹27,858.75 करोड़ के आईपीओ के जरिए एलआईसी का रिकॉर्ड तोड़ दिया। एलआईसी की बात करें तो सरकार ने ऑफर फॉर सेल के जरिए शेयरों की बिक्री की थी। इसके शेयर ₹949 के भाव पर जारी हुए थे लेकिन खुदरा निवेशकों, एंप्लॉयीज और पॉलिसीहोल्डर्स को हर शेयर पर ₹45 का डिस्काउंट भी मिला था।

अब पिछले एक साल में शेयरों के चाल की बात करें तो पिछले साल 1 अगस्त 2024 को यह ₹1,221.50 पर था जो इसके शेयरों के लिए रिकॉर्ड हाई है। इस रिकॉर्ड हाई से 7 महीने से थोड़े ही अधिक समय में यह 41.44% टूटकर 3 मार्च 2025 को ₹715.35 पर आ गया जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड निचला स्तर है। इसका रिकॉर्ड निचला स्तर ₹530.20 है जो इसने 29 मार्च 2923 को छुआ था। इसका रिकॉर्ड निचला स्तर ₹530.20 है जो इसने 29 मार्च 2923 को छुआ था। आगे की बात करें तो इसके कवर करने वाले 20 एनालिस्ट्स में से 15 ने खरीदारी, 4 ने होल्ड और 1 ने सेल रेटिंग दी है। इसका हाइएस्ट टारगेट प्राइस ₹1320 और लोएस्ट टारगेट प्राइस ₹825 है।

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