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क्या बजट में LTCG टैक्स बढ़ने के बाद निवेश का प्लान बदल रहे हैं इनवेस्टर्स? जानिए मनीकंट्रोल पोल के नतीजे क्या कहते हैं

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को पेश यूनियन बजट में शेयरों के निवेशकों को बड़ा झटका दिया। उन्होंने के साथ लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स बढ़ा दिया। उन्होंने फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस ट्रेडर्स के लिए एसटीटी भी बढ़ाने का ऐलान किया

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 26, 2024 पर 5:07 PM
क्या बजट में LTCG टैक्स बढ़ने के बाद निवेश का प्लान बदल रहे हैं इनवेस्टर्स? जानिए मनीकंट्रोल पोल के नतीजे क्या कहते हैं
फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस के ट्रेडर्स के लिए सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स यानी एसटीटी बढ़ाया गया है।

सरकार ने यूनियन बजट में म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीमों और शेयरों के निवेशकों को बड़ा झटका दिया है। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स को बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया गया है। शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस को 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया है। फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस के ट्रेडर्स के लिए सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स यानी एसटीटी बढ़ाया गया है। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स बढ़ने की चर्चा बजट पेश होने से पहली चल रही थी। लेकिन, एक साथ तीन टैक्स बढ़ने का अंदाजा मार्केट को नहीं था। सवाल है कि क्या इस झटके के बाद निवेशक निवेश का प्लान बदल रहे हैं? जवाब जानने के लिए मनीकंट्रोल ने मार्केट पार्टिसिपेंट्स के बीच एक सर्वे किया। आइए इसके नतीजे जानते हैं।

80% लोगों ने कहा कि इससे असर नहीं पड़ेगा

सर्वे में शामिल 80 फीसदी से ज्यादा मार्केट पार्टिसिपेंट्स का कहना था कि लॉन्ग टर्म कैपिटल गैंस टैक्स और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स बढ़ने से उनके इनवेस्टमेंट प्लान पर कोई असर नहीं पड़ा है। ज्यादातर लोगों ने कहा है कि मार्केट को लेकर अब भी उनका नजरिया पॉजिटिव है। सर्वे में शामिल करीब 65 फीसदी लोगों ने कहा कि बजट के बाद Sensex और Nifty का टारगेट रिवाइज करने का उनका कोई प्लान नहीं है।

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