दुर्भाग्यपूर्ण है! सेबी ने जिसे कारण बताओ नोटिस भेजा था वो उनका चरित्र हनन कर रहा है: माधबी बुच-धवल बुच

अदाणी ग्रुप पर हिंडनबर्ग ने अपनी जो रिपोर्ट जारी की थी, उस मामले में सेबी ने उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया था और कार्रवाई की थी। सेबी चीफ माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने ज्वाइंट स्टेटमेंट में कहा है कि हिंडनबर्ग की तरफ से उनपर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं

अपडेटेड Aug 11, 2024 पर 7:36 AM
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माधबी पुरी बुच और धवल बुच ने अपने ज्वाइंट स्टेटमेंट में ये भी कहा है कि आगे पारदर्शिता बनाए रखने के लिए वह और डिटेल स्टेटमेंट जारी करेंगे

हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट ने शनिवार 10 अगस्त की रात एक सनीसनीखेज दावा किया। हिंडनबर्ग का आरोप है कि माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने उसी जटिल स्ट्रक्चर का इस्तेमाल करते हुए विदेशी फंड में निवेश किया है जिसका इस्तेमाल विनोद अदाणी ने किया था। विनोद अदाणी, गौतम अदाणी के बड़े भाई हैं जो दुबई में रहते हैं। हालांकि हिंडनबर्ग के इन दावों को माधबी पुरी बुच और उनके पति ने सिरे से खारिज कर दिया है। 11 अगस्त की रात 1.40am पर दोनों ने एक ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी करके इन आरोपों को गलत बताया है।

बुच दंपत्ति की तरफ से जारी ज्वाइंट बयान में कहा गया है, "10 अगस्त को हिंडनबर्ग ने हमारे खिलाफ जो आरोप लगाए हैं उस पर हमारा कहना है कि वो पूरी तरह बेबुनियाद हैं और हम इसका खंडन करते हैं। इसमें कोई सच्चाई नहीं है। हमारा जीवन और हमारी फाइनेंशियल स्थिति एक खुली किताब है। पिछले कई साल में सेबी को तमाम डिस्क्लोजर दिए जा चुके हैं। हमारे सभी फाइनेंशियल डॉक्यूमेंट्स उस समय के हैं जब हम सिर्फ नागरिक थे। वैसे अगर अथॉरिटी किसी पेपर की मांग करता है तो हमें उसे देने में नहीं हिचकिचाएंगे।"

माधबी पुरी बुच और धवल बुच ने अपने ज्वाइंट स्टेटमेंट में ये भी कहा है कि आगे पारदर्शिता बनाए रखने के लिए वह और डिटेल स्टेटमेंट जारी करेंगे। बुच के स्टेटमेंट के मुताबिक, "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिसके खिलाफ सेबी ने कार्रवाई की है और कारण बताओ नोटिस भेजा था वो इसके जवाब में गलत इल्जाम लगा रहा है।"


दरअसल अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने 10 अगस्त की रात सेबी चीफ माधवी बुच के खिलाफ एक नया हमला किया। हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि सेबी की अध्यक्ष बुच और उनके पति के पास कथित अदाणी 'धन हेराफेरी घोटाले' में इस्तेमाल किए गए ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी।

हिंडनबर्ग ने अदाणी पर अपनी पिछली रिपोर्ट के 18 महीने बाद एक ब्लॉगपोस्ट में आरोप लगाया, “सेबी ने अदाणी के मॉरीशस और ऑफशोर शेल संस्थाओं के कथित नेटवर्क में आश्चर्यजनक रूप से रुचि नहीं दिखाई है।”

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First Published: Aug 11, 2024 2:39 AM

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