अडानी ग्रुप (Adani Group) के शेयरों में आई हालिया गिरावट से दिग्गज निवेशक मार्क मोबियस (Mark Mobius) के नजरिए में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने कहा कि ये गिरावट अडानी की समस्या है, न कि भारत की। दिग्गज निवेशक ने कहा कि वह भारत की संभावनाओं को लेकर अभी भी उत्साहित या बुलिश हैं। मोबियस ने भारत को लेकर अपने बुलिश नजरिए को दोबारा दोहराया। मोबियस ने पिछले हफ्ते ब्लूमबर्ग से बातचीत में कहा कि "भारतीय शेयर बाजार का लंबी अवधि का भविष्य बहुत अच्छा है" और वह भारत में और पैसा लगाएंगे।
मोबियस ने ब्लूमबर्ग से कहा, "यह अडानी की समस्या है। भारत अभी भी मजबूत ताकत से आगे की ओर जा रहा है। यह अपार संभावनाओं वाला एक अविश्वसनीय देश है। मुझे लगता है कि यह शेयर बाजार में अक्सर देखे जाने वाले स्कैंडलों में से एक है और यह जल्द ही गुजर जाएगा।"
अडानी ग्रुप की ओर से अपने फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) को वापस लिए जाने पर मोबियस ने कहा, "अडानी कंपनियों में हमारी दिलचस्पी नहीं थी क्योंकि वे हमारे निवेश मानदंडों को पूरा नहीं करते थे, खासकर कर्ज से जुड़े मानंदडों पर।" उन्होंने बताया कि उनका इनवेस्टमेंट फर्म आमतौर पर छोटी कंपनियों में पैसा लगाने पर फोकस करता है।
FPO वापस लेने पर अडानी ने क्या कहा था?
बता दें कि अडानी ग्रुप ने बीते 1 फरवरी को अपना 20,000 करोड़ का FPO पूरी तरह से सब्सक्राइब हो जाने के बावजूद वापस ले लिया था। इस मौके पर गौतम अडानी ने कहा था, "बाजार की अस्थिरता को देखते हुए, बोर्ड ने यह महसूस किया कि एफपीओ के साथ आगे बढ़ना नैतिक रूप से सही नहीं होगा।"
उन्होंने कहा, "मेरे लिए, मेरे निवेशकों का हित सर्वोपरि है और बाकी सब चीजें इसके बाद आती हैं। इसलिए निवेशकों को संभावित नुकसान से बचाने के लिए हमने FPO वापस ले लिया है।"
SBI और LIC ने लोन पर स्थिति साफ की
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और सरकारी बीमा कंपनी LIC जैसे बड़े उधारदाताओं ने अडानी ग्रुप को दिए कर्ज पर हाल ही में बयान जारी कर स्थिति साफ की।
SBI ने बताया कि उसने अडानी ग्रुप को कुल 27,000 करोड़ का कर्ज दिया है, जो उसके लोन बुक का करीब 0.88 प्रतिशत है। SBI ने बताया कि ये सभी लोन वास्तविक संपत्ति के बदले में दिए गए हैं और शेयरों को गिरवी रखने के बदले कोई लोन नहीं दिया गया।
अडानी ग्रुप ने कुछ गिरवी शेयरों को छुड़ाया
इस बीच अडानी ग्रुप की कंपनियों के प्रमोटरों ने अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन, अदानी ग्रीन एनर्जी और अदानी ट्रांसमिशन में कुछ गिरवी शेयरों को जारी करने के लिए समय से पहले 1.114 बिलियन डॉलर के कर्ज चुका दिए है।